यह कहने में कोई शक नहीं कि भारत देश में हुनर की कोई कमी नहीं हैं। यहां लोगों को अपना हुनर दिखाने के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि, इन लोगों का हुनर खुद-ब-खुद चर्चा में आ जाता है। एक ऐसा ही किस्सा राजस्थान के उदयपुर में हुआ, जहां एक इंजीनियर ने 87 साल पुराने आम के पेड़ पर अपना घर बना डाला है। इस अनोखे घर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक इस घर की खासियत यह है कि पेड़ पर बना होने के बावजूद इस घर में सभी साधन-सुविधाएं हैं। वही आम के पेड़ पर बने इस घर की खासियत यह भी है कि इसमें रहने पर प्रकृति के करीब होने का एहसास बना रहता है। इस ट्री-हाउस की यही खासियत यहां से गुजरने वाले लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है। तो आइए एक बार आपको भी आम के पेड़ पर बने इस घर के तस्वीरें दिखाते है।
बहुत पूराना सपना हुआ पूरा
दरसअल, केपी सिंह की इच्छा थी कि वह प्रकृति के बीच रहें और उनके घर-आंगन में पेड़ की छांव हो ताकि ताजा हवा के झोंके पेड़ों की पत्तियों से छनकर खिड़की से दरवाजों के जरिये घर के अंदर तक पहुंचें। वहीं यह भी कम ताज्जुब की बात नहीं है कि साल 2000 में केपी सिंह ने जब इस घर को तैयार करना शुरू किया तो इस आम के पेड़ की एक भी टहनी को काटे बिना इस घर को बनाया। चार मंजिला यह मकान पर्यावरण संरक्षण की भी मिसाल पेश करता रहा है।
आम के पेड़ से प्रकृति के करीब होने का एहसास
इस घर की खासियत यह भी है कि इस आम के पेड़ के विकास में दिक्कते न पड़े इसलिए घर के बीच में कई जगह बड़े होल छोड़े गए हैं। यानी इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि प्रकृति और पेड़ को कोई नुकसान न पहुंचे। यही वजह है कि पेड़ को घर में होने के बावजूद सूरज की भरपूर रौशनी मिलती है और यह लगातार हरा भरा बना हुआ है। वहीं जब तेज हवा चलती है, तो पूरा घर झूलने लगता है।
किचन-बेडरूम से गुजरती हैं टहनियां
केपी सिंह कहते हैं कि उन्होंने इस आम के पेड़ में कोई बदलाव नहीं किया है बल्कि अपने घर को पेड़ के आकार के हिसाब से बनाने की कोशिश की है। जब आप उनके घर में जाएंगे, तो आपको कमरों में पेड़ की टहनियां नजर आएंगी, पहले फ्लोर पर उन्होंने किचन, बाथरूम, और डाइनिंग हॉल बनाया है। वहीं, दूसरे फ्लोर पर उन्होंने वॉशरूम, लाइब्रेरी और एक कमरा बनाया है. तीसरे फ्लोर पर एक कमरा बनाया गया है, जिसकी छत ऊपर से खुल सकती है।
लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉड्र्स में दर्ज है नाम
केपी सिंह के इस अनोखे ‘ट्रीहाउस’ को लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉड्र्स में भी शामिल किया गया है। वह कहते हैं, “अभी भी कई लोग मेरे घर को देखने आते हैं और इसे देखकर अचंभित हो जाते हैं कि आखिर किस तरह पेड़ पर घर बना दिया गया। मेरा मानना है कि अगर आपके दिल में जूनून है, तो आप कुछ भी कर सकते हैं” उनके घर को देखने के बाद बहुत से लोगों ने उनसे घर का डिज़ाइन माँगा है।
इसके बारे में केपी सिंह कहते हैं, “लोगों ने कहा कि आप हमारे लिए भी डिज़ाइन कर दीजिए। लेकिन कोई भी अपनी सुविधाओं के साथ समझौता करने को तैयार नहीं होता है और वहीं दूसरी ओर, मैं पेड़ के साथ समझौता नहीं करता हूँ। क्योंकि मुझे लगता है कि पेड़ के एक पत्ते को भी हमारी वजह से नुकसान न हो।”