वृंदावन। तीर्थ नगरी में दक्षिणात्य शैली के प्रसिद्ध श्री रंगनाथ मन्दिर में नित्योत्सव की श्रंखला में ज्येष्ठमास कृष्णपक्ष की नवमी तिथि के साथ रेवती नक्षत्र के संयोग पर ज्येष्ठाभिषेक का दिव्य आयोजन किया गया। शनिवार को ठाकुर गोदारँगमन्नार भगवान को भीषण गर्मी से राहत करने के उद्देश्य से महाभिषेक वैदिक विधिविधान से किया गया। इक्य्यासी रजत कलशों से जलाभिषेक किया गया। जिसमें केसर,कपूर,नवांग हल्दी,चन्दन, जड़ी बूटियों मिश्रित जल के अलावा आम के रस से भी ठाकुरजी का अभिषेक किया गया।
उत्सव प्रात: सवा दस बजे वैदिक मंत्रोचारण के मध्य शुरू हुआ।
वेदपाठी विद्वानों ने श्री सूक्त,पुरुषसूक्त, वेंकटेश स्त्रोत, गुरूपरम्परा, श्री वरद वल्लभ स्त्रोत का सस्वर पाठ किया जा रहा था।जिससे आध्यात्मिक वातावरण की अनुभूति हो रही थी। ठाकुर गोदा रँगमन्नार भगवान के चल श्री विग्रह को मंडपम में विराजित कर सूती परिधान धारण कराकर वैदिक मंत्रोच्चार करते हुए जलाभिषेक प्रारम्भ किया।
लगभग तीन घण्टे तक अभिषेक की प्रकिया अनवरत जारी रही। तदोपरांत ठाकुरजी को नवीन वस्त्राभूषण धारण कराकर कुंभ आरती उतारी गयी। कोरोना की गाइडलाइंस का पालन करते हुए सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंशिंग के अनुसार दर्शन सुलभ कराये गये। तदोपरांत भक्तो को आम्राभिषेक का प्रसाद वितरित किया गया।
इस अवसर पर रघुनाथ स्वामी , यतिराज स्वामी , राजू स्वामी, रंगा स्वामी , चौवी स्वामी , राकेश दुवे , लखन लाल पाठक , शरद शर्मा , तिरुपति , कन्हिया , आनंद राव , पार्थ सारथी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।