Sunday, November 24, 2024
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मथुरा में जिला पंचायत अध्यक्ष बने भाजपा के किशन सिंह चौधरी, कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

मथुरा। जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीट पर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी काबिज हो गई। भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी किशन चौधरी को कुल 33 सदस्यों में से 22 सदस्यों ने वोट दिए। जबकि राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी राजन सिंह सिकरवार 11 मत ही अपने पाले में ला पाए। जिला मुख्यालय पर भाजपा प्रत्याशी के विजयी घोषित होते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर हर्ष जताया।


शनिवार को जिला मुख्यालय पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव छुटपुट हंगामा के बीच सम्पन्न हुआ। चुनाव के निर्धारित समय पर ही भाजपा से प्रत्याशी किशन सिंह चौधरी और रालोद से प्रत्याशी राजन सिंह सिकरवार के बीच आमने-सामने का मुकाबला हुआ।

मतदान स्थल पर अधिकारियों के समक्ष दोनों प्रत्याशी एक-एक मत पर नजर बनाए हुए थे। वहीं जिला मुख्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में सतर्थक मौजूद थे। जैसे ही करीब तीन बजे भाजपा प्रत्याशी किशन सिंह चौधरी के विजयी की घोषणा हुई। वैसे ही भाजपा कार्यकर्ता खुशी से झूमने लगे और भाजपा के नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष किशन सिंह चौधरी के नाम के नारे लगाने लगे।

चुनाव के दौरान रालोद ने जिला प्रशासन पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। रालोद का कहना पूर्व मंत्री के पुत्र ने एक वोट भाजपा के पक्ष में ज्यादा दे दिया था। इस आरोप को लेकर काफी हंगामा किया गया। लेकिन कुछ समय के बाद मामला शांत हो गया।


बसपा के सभी निर्वाचित सदस्यों ने भाजपा को अपना मत दिया है। यही कारण है कि रालोद को दो गुना मतों से हार का सामना करना पड़ा। काबिलेबौर बात यह है कि बसपा ने जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में भाजपा सहित सभी पार्टी को पीछे छोड़ते हुए 13 सदस्य जीते। भाजपा के गढ में बसपा एक बार फिर विजय पथ की ओर थी। लेकिन बसपा के अन्दर खाने दो फाड़ और उसके बाद बसपा हाई कमान की अरुचि के कारण वह अपना प्रत्याशी भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मैदान में नहीं उतार सकी। जिसका फायदा भाजपा को मिला। बसपा ने अन्दर खाने भाजपा को अपना समर्थन दिया और भाजपा प्रत्याशी किशन सिंह चौधरी 22 मतों से जीते।

कांग्रेस, बसपा, सपा की ओर से कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं है। इनमें भी सपा का केवल एक पंचायत सदस्य चुनाव जीता है तो कांग्रेस का तो खाता भी नहीं खुल पाया। लेकिन बसपा ने 13 सदस्य जीत जाने के बाद भी बहुमत के लिए चार मत न जुटा पाने की स्थिति से बचने के लिए खुद को बाहर ही रखा है। बसपा के सदस्य अपनी इच्छानुसार मतदान करेंगे। फिलहाल, जिला पंचायत के 33 सदस्यों में बसपा के 13, भाजपा व रालोद के 8-8, सपा का एक व 3 निर्दलीय सदस्य शामिल हैं।

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