विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा ने मलद्वार बनाकर दी जिन्दगी
मथुरा। के.डी. मेडिकल कालेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा द्वारा रिफाइनरी मथुरा निवासी विष्णु की एक साल की पुत्री दीक्षा की जन्मजात विकृति को सर्जरी के माध्यम से दूर कर उसे नई जिन्दगी प्रदान की गई। ऑपरेशन के बाद बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है तथा यथास्थान से मल त्याग कर रही है।
जानकारी के अनुसार रिफाइनरी मथुरा निवासी विष्णु के घर एक साल पहले बच्ची का जन्म हुआ था। जन्म से ही बच्ची का मलद्वार न होने के चलते प्रायः वह कब्ज की वजह से रोती रहती थी। बच्ची के कष्ट से माता-पिता काफी परेशान थे। बच्ची की परेशानी को लेकर वे कई बड़े-बड़े अस्पतालों में चिकित्सकों से मिले लेकिन समस्या का निदान नहीं हो सका। आखिरकार किसी ने उन्हें मथुरा में संचालित के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा के बारे में जानकारी दी।
28 जून को विष्णु सपत्नीक बच्ची को लेकर डॉ. श्याम बिहारी शर्मा से मिले। बच्ची की मां ने बताया कि उसके जन्म से ही मलद्वार नहीं है तथा वह योनि द्वार से ही मल त्याग करती है। मेरे पति ऑपरेशन का खर्चा उठाने को तैयार नहीं हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के इस दौर में बेटियों की इस तरह की उपेक्षा समझ से परे है। खैर, समुचित परीक्षण के बाद डॉ. शर्मा द्वारा परिजनों को बच्ची का ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई। परिजनों की सहमति के बाद डॉ. श्याम बिहारी शर्मा द्वारा 30 जून को निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. दीपक अग्रवाल, इंटर्न डॉ. दीपिका और टेक्नीशियन योगेश कुमार के सहयोग से एक ही स्टेज में सही जगह पर मलद्वार बना दिया गया। सर्जरी कोई तीन घण्टे चली।
अब दीक्षा अन्य सामान्य बच्चों की तरह यथास्थान से मल त्याग रही है। डॉ. शर्मा का कहना है कि इस जन्मजात विकृति को मेडिकल भाषा में रेक्टोवेस्टीबूलर फिस्टुला कहते हैं। इस तरह की सर्जरी को पोस्टीरियर सेजाइटल एनोरेक्टोप्लास्टी कहा जाता है। ऐसे ऑपरेशन यदा-कदा ही होते हैं तथा इसमें बड़ी आंत की ट्यूब बनाकर मलद्वार बनाया जाता है। डॉ. शर्मा ने बताया कि ऐसी विकृति हजारों शिशुओं में से एक-दो में ही होती है।
बच्ची दीक्षा के सफल ऑपरेशन पर आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन डॉ. रामकुमार अशोका ने विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी।