मथुरा। यूपी सरकार ने ब्राह्मणों को लेकर जातिगत टिप्पणी करने वाले मथुरा के सहायक श्रमायुक्त प्रभात कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है। निलंबन के दौरान वह कानपुर के श्रमायुक्त कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे। राज्यपाल के आदेश पर यूपी सरकार ने यह कार्रवाई की है। इस संबंध में प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव सुरेश चन्द्रा द्वारा आदेश जारी किए हैं। इससे मथुरा के श्रम विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मचा है।
यूपी सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि मथुरा के सहायक श्रमायुक्त प्रभात कुमार्र ंसह के विरुद्ध मिली शिकायत औरर ऑडियो की जांच में वह जातिगत दुर्भावना से प्रेरित एवं भ्रष्टाचार युक्त आचरण में संलिप्त पाए गए हैं। शासन ने सामाजिक समरसता एवं विभागीय कार्यप्रणाली के प्रभावित होने का खतरा जताया है। शासन को मिली जांच रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि सहायक श्रमायुक्त अपने अधीनस्थों से पैसे लेने की अपेक्षा भी रखते हैं। जांच में प्रभात कुमार सिंह को उत्तरप्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का उल्लंघन किया है।
सहायक श्रमायुक्त पर लगे आरोप की जांच में वह दोषी पाए गए। इस पर प्रदेश के राज्यपाल के आदेश पर यूपी सरकार ने निलंबित कर दिया है और कानपुर के श्रमायुक्त कार्यलय से सम्बद्ध कर दिया है।
विगत दिनों श्रम विभाग के सहायक श्रमायुक्त प्रभात कुमार सिंह का कथित ब्राह्मणों को जातिगत टिप्पणी करने का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसे लेकर संयुक्त कर्मचारी परिषद ने शासन स्तर पर इस ऑडियो की शिकायत की। प्रमाण के रुप में ऑडियो भी शासन को प्रस्तुत किया गया। वहीं श्रम विभाग के कर्मचारियों ने मथुरा श्रम विभाग कार्यालय को दलालों का अड्डा बताते हुए सामूहिक ट्रांसफर की मांग श्रमायुक्त से की थी। ऑडियो में ब्राह्मणों को गाली देने की बात सामने आपने पर ब्राह्मण संगठनों ने भी डीएम को ज्ञापन दिया और सहायक श्रमायुक्त के निलंबन की मांग की थी।