मथुरा। यूपी की योगी सरकार ने भले ही बालू खनन पर रोक लगा दी हो लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से महावन के यमुना तटों पर बड़े पैमाने पर बालू खनन हो रहा है। लंबे समय से हो रहे बालू खनन की स्थानीय पुलिस भी अनदेखी कर रही है।
भवन निर्माण में सर्वाधिक प्रयोग होने वाले बजरफुट 90 रुपए प्रति फुट के पार हो गया है। ऐसी महंगाई में मकान बनाने के लिए बड़े पैमाने पर मथुरा जनपद में बालू का प्रयोग किया जा रहा है। यमुना किनारे से बैलगाड़ी, ऊंट गाड़ी और ट्रैक्टर और केंटर में से घर-घर पहुंचाई जा रही बालू की कीमत 300 रुपए प्रति बैलगाड़ी से लेकर 3000 रुपए केंटर तक बेची जा रही है। बजरफुट के आसमान छूते दामों के चलते आसानी से सस्ती कीमत में उपलब्ध हो रही बालू के डिमांड जोरों पर है।
यही कारण है कि महावन क्षेत्र में चिंता हरण, ब्रह्माण्ड घाट से लेकर रमणरेती क्षेत्र तक यमुना किनारे बड़े पैमाने पर धड़ल्ले से रात और दिन खनन हो रहा है। महावन से न सिर्फ महावन क्षेत्र में ही बालू का अवैध व्यापार किया जा रहा है बल्कि मथुरा, बल्देव और आसपास के क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर बालू का अवैध व्यापार जोर पकड़ रहा है।
काबिलेगौर बात यह है कि शासन द्वारा बालू खनन पर रोक लगाने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बड़े पैमाने पर हो रहे खनन की लगातार अनदेखी कर रही है।