मंगलवार यानि कल 13 जुलाई को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस तिथि के दिन भक्तजन भगवान श्रीगणेश का पूजन करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में दो चतुर्थी तिथि आती हैं। पूर्णिमा के बाद एक कृष्ण पक्ष और दूसरी अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष में चतुर्थी व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से धनधान्य की प्राप्ति के साथ ही विघ्नहर्ता भगवान गणेश संकटों से मुक्ति देते है।
आषाढ़ मास विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त और योग
हिंदू पंचांग के अनुसार, 13 जुलाई की सुबह 08 बजकर 24 मिनट तक तृतीया तिथि रहेगी। उसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी। इस दिन दोपहर 02 बजकर 49 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। माना जाता है कि सिद्धि योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है।
सूर्योदय और चंद्रोदय का सही समय
हिन्दू पंचांग के अनुसार विनायक चतुर्थी के दिन सूर्योदय सुबह 05 बजकर 06 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 06 बजकर 41 मिनट पर होगा। चंद्रोदय सुबह 07 बजकर 52 मिनट और चंद्रास्त रात 09 बजकर 21 मिनट पर होगा।
विनायक चतुर्थी का पूजा विधान
- इस दिन प्रात: जल्दी जागकर स्नान करें
- इसके बाद घर के मंदिर में सफाई कर दीप प्रज्वलित करें।
- दीप प्रज्वलित करने के बाद भगवान गणेश का गंगा जल से जलाभिषेक करें।
- फिर भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं।
- भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें।
- इसके बाद भगवान गणेश की आरती करें और भोग लगाएं।
- श्रीगणेश जी को मोदक, लड्डूओं का ही भोग लगाएं।
- इस पावन दिन भगवान गणेश का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- अगर आप व्रत रख सकते हैं तो इस दिन व्रत रखें।