प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य न लिये जाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा है कि अनिवार्य शिक्षा कानून को लेकर सुनीता शर्मा और अन्य की ओर से दाखिल की गई जनहित याचिका में पारित आदेश का कड़ाई से पालन किया जाये। अदालत ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता चारु गौर और दो अन्य की ओर से दाखिल की गई। जिसकी सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक चौधरी की एकलपीठ ने ये आदेश दिया है। याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि याची से बूथ लेबल ऑफिसर व अन्य बहुत से कार्य लिए जा रहे हैं, जबकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 व इसकी नियमावली के नियम 27 के अनुसार शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाई जा सकती है। शिक्षकों से सिर्फ आपदा, जनगणना और सामान्य निर्वाचन के दौरान ही कार्य लिया जा सकता है।
अधिवक्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सुनीता शर्मा व अन्य की जनहित याचिका में पारित आदेश का हवाला देकर के भी कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने भी शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्यों को लेने पर रोक लगाई है। जिसका पालन नहीं किया जा रहा है।