लखनऊ। सावन के महीने में कावड़ यात्रा को लेकर पेंच फसता ही जा रहा है। जहां कावड़ यात्रा निकालने के यूपी सरकार के आदेश पर एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान ले लिया है वहीं उत्तरखण्ड सरकार ने भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है। इस बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कांवड़ यात्रा पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा में 10 से 15 साल के बच्चों को गांजा और शराब पीने की ट्रेनिंग दिलाई जाती है।
कावड़ यात्रा के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कर दिया है। कि कांवड़ यात्रा आस्था का मामला है और इस पर खुद रोक नहीं लगाएंगे। अगर कोर्ट का कोई आदेश आता है तो उसका अनुपालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मसले पर उत्तराखंड के सीएम से जल्द ही वार्ता कर सकते हैं। वहीं इस बीच कांवड़ यात्रा पर बयानबाजी भी तेज हो गयी है।
राजभर ने कहा कि यूपी की भाजपा को शिक्षा रोजगार, महंगाई से मतलब नही। इससे ध्यान हटाने के लिए कांवड़ यात्रा स्कीम चलाते हैं। राजभर ने कांवड़ यात्रा को गांजा, शराब पिलाने की यात्रा बताया और कहा ये काम योगी जी करते हैं। कांवड़ यात्रा होगी, शराब के ठेके खुले रहेंगे, भाजपा के दफ्तर और इनके काम चलेंगे, लेकिन शिक्षण संस्थान बंद हैं।
राजभर ने कहा कि गरीब के बच्चों को शिक्षा से दूर करने के लिए कांवड़ यात्रा चलाते हैं। कांवड़ यात्रा से कोई इंजीनियर, दरोगा, आईएएस, पीसीएस नहीं बन सकता। कांवड़ यात्रा पर पुष्प वर्षा करने की जगह वो पैसा शिक्षा पर खर्च करना चाहिए। उन्होंने कुम्भ को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि पिछली सरकार ने कुम्भ पर 900 करोड़ खर्च किया, इन्होंने 4600 करोड़। अगर 900 से बढ़ाकर 1500-2000 करोड़ खर्च कर देते तो बाकी 2600 करोड़ शिक्षा पर खर्च करते, लेकिन इनकी ऐसी मंशा नहीं।
कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कोरोना महामारी ने लाखों की जान ली है। लोगों ने अपनों को खोया है। महामारी का भयंकर रूप देखा है सबने. अभी तीसरी लहर की भी आशंका है।
ऐसे में कोई भी कार्यक्रम या यात्रा डॉक्टर्स और विशेषज्ञों से राय लेकर होनी चाहिए। वो जो कहें फैसला लेना चाहिए। सपा के विधायक व सपा सरकार में धर्मार्थ कार्य मंत्री रहे मनोज पांडेय ने भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का जो भी निर्णय हो उसका सम्मान होना चाहिए।