वृंदावन। ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला की तर्ज पर कान्हा की नगरी में भी तीन सस्पेंशन ब्रिज बनाने की तैयारी उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद द्वारा की जा रही है। यह ब्रिज वृंदावन में श्रीबांकेबिहारी और मथुरा में श्री द्वारिकाधीश के लिए यमुना पर प्रस्तावित हैं। इसके लिए मथुरा-वृंदावन विकास प्रधिकरण एवं सिंचाई विभाग सहित कई विभाग के अधिकारियों ने वृंदावन के घाटों से बेलवन और मथुरा में स्वामी घाट से यमुना पार को जोड़ने का प्लान बनाया जा रहा है। इसके लिए अधिकारियों की टीम ने प्रस्तावित स्थलों का जायजा लिया।
सस्पेंशन ब्रिज के लिए स्थल चयन का सर्वे डिजायन एसोसिएट के साथ विप्रा,पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग के इंजीनियरों की संयुक्त टीम ने किया। यमुना पर सस्पेंशन ब्रिज बनाने के प्रस्ताव को लेकर मसानी और स्वामीघाट पहुंची संयुक्त सर्वे टीम ने यहां जमीन की उपयोगिता को देखा।
यमुना पार क्षेत्र में पार्किंग के बाद सस्पेंशन ब्रिज से पैदल या फिर ई-रिक्शा से आने वाले भक्तों को द्वारिकाधीश मंदिर तक पहुंचाने की संभावनाएं तलाशी।इससे पहले विश्रामघाट पर भी सस्पेंशन ब्रिज के लिए जमीन देखी गई। इसके बाद उक्त टीम वृंदावन पहुंची। यहां भी निधिवन क्षेत्र में यमुना किनारे सर्वे किया, जो वेलवन को जोड़ सकता है।
इसके लिए तीर्थ विकास परिषद के सीईओ नगेंद्र प्रताप ने स्थानीय आवश्यकताओं के लिए विप्रा की डिजायन एसोसिएट प्रमुख जय कर्तिकर के समक्ष अपने सुझाव रखे। टीम में विप्रा के विशेष कार्याधिकारी क्रांतिशेखर सिंह, एई सिंचाई संजीव तिवारी, एई पीडब्ल्यूडी आरपी सिंह और मयंक गर्ग ने भी स्थल चयन को लेकर अपने सुझाव दिए।
एक तरफ जहां ब्रज दर्शन के लिए आने वाले कान्हा के भक्तों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों के दौरान तेजी के साथ इजाफा हो रहा है तो वहीं यहां के प्रख्यात मंदिर घनी आबादी के बीच में घिर जाने के कारण भक्तों से दूर होते जा रहे हैं। इस स्थिति के चलते श्रीद्वारिकाधीश तक भक्तों का पहुंचना भी कठिन हो गया है। लगभग अब यही स्थित श्रीबांकेबिहारी मंदिर के लिए भी पैदा होने लगी है। इसका निदान ढूंढने के लिए तीन सस्पेंशन ब्रिज का प्रस्ताव है। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम ने मौका मुआयना किया है। अब इसका प्रोजेक्ट तैयार किया जायेगा।