नई दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता एरेंड्रो लीचोम्बम को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। एरेंड्रो को फेसबुक पोस्ट करने पर उसे खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कोविड का इलाज गोबर या गोमूत्र से ना होने की बातों को लेकर पोस्ट लिखा था। एरेंड्रो की तरफ से वकील शादान फरासत की दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने उन्हें आज शाम 5 बजे से पहले 1,000 रुपये के बांड के निष्पादन पर रिहा करने का तुरंत आदेश दिया है।
मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता ने अपने पोस्ट में लिखा था, “कोरोना का इलाज गोबर और गोमूत्र नहीं है। इलाज विज्ञान और सामान्य ज्ञान है प्रोफेसर जी रिप।”
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि उन्हें एक दिन भी हिरासत में नहीं रखा जा सकता। उनकी लगातार हिरासत में होना अनुच्छेद 21 जीने के अधिकार का उल्लंघन करती है। कोर्ट ने आगे कहा कि एक्टिविस्ट को आज शाम 5 बजे तक 1000 रुपये के निजी मुचलके के साथ रिहा किया जाना चाहिए। एक्टिविस्ट के पिता ने हिरासत के खिलाफ याचिका दायर की थी।