Saturday, November 23, 2024
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विधानसभा चुनाव में भाजपा एक तीर से साधेगी कई निशाने, चुनाव मैदान में उतरेंगे सीएम योगी सहित कई बड़े नेता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव बहुत ही दिलचस्प होने वाला है। भाजपा इस बार विधान परिषद सदस्यों को भी चुनाव मैदान में उतारने जा रही है। स्टार प्रचारक की भूमिका निभाने वाले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा एवं केशव मोर्य भी चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा, प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर या अयोध्या की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। इसके लिए अयोध्या के भाजपा विधायक पहले से ही अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं।


अयोध्या से भाजपा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा- “यह मेरा सौभाग्य है। मैं अपनी सीट खाली करने को तैयार हूं। 2017 से प्रतीक्षा में हूं। मैंने तो 2017 में कहा था कि जब योगी जी को विधान परिषद या विधानसभा सदस्य बनना था। अगर वे अयोध्या से चुनाव लड़ते हैं तो यह हम सभी लोगों का सौभाग्य होगा।”

इसके अलावा, पार्टी ने एमएलसी कोटे से बने कैबिनेट मंत्री को भी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारियों के लिए कह दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और योगी सरकार के 6 मंत्री शुक्रवार को दिल्ली में थे।

इन बड़े नेताओं की इन सीटों से चुनाव लड़ने की संभावना

सीएम योगी आदित्यनाथ- गोरखपुर या अयोध्या विधानसभा।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य- कौशांबी।
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा- लखनऊ ।
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह- प्रतापगढ़ की कुंडा सीट।

4 मंत्री दिल्ली से लखनऊ लौटे

विधानसभा 2022 चुनाव को देखते हुए योगी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाना है। कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह, मोती सिंह, कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन गोपाल, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, मंत्री रविंद्र जायसवाल, रामाशंकर सिंह पटेल व सहयोगी दल के मंत्री जय प्रताप सिंह जैकी दिल्ली प्रवास पर शुक्रवार को रहे। शनिवार सुबह योगी सरकार के 4 मंत्री लखनऊ लौट आए हैं।

पार्टी एक तीर से लगाना चाहती है कई निशाने

पिछली बार बैक डोर से विधानसभा पहुंचने और सीएम, डिप्टी सीएम व मंत्री बनने से कई स्थानीय नेताओं का उत्साह कम हुआ है। इसलिए इस बार दिग्गज नेताओं को विधानसभा चुनाव में उतारकर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व कार्यकर्ताओं को संदेश देना चाहता है। पार्टी का दूसरा लक्ष्य पार्टी का मानना है कि दिग्गजों के मैदान में उतरने से स्थानीय राजनीति में गुटबाजी खत्म हो जाएगी। दिग्गज अपने चुनाव के साथ-साथ अन्य विधानसभा के चुनाव में भी कार्यकर्ताओं को जुटाने का काम करेंगे।

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