सावन (श्रावण) माह आते ही ब्रज क्या पूरा देश शिवमय हो जाता है। सावन का महीना शिव पूजा के लिए अत्यंत शुभकारी माना जाता है। 25 जुलाई रविवार से श्रावण का महीना प्रारंभ हो रहा है। मान्यता है सावन में भगवान शिव की पूजा करने व शिवलिंग के जलाभिषेक का अधिक महत्व है। यही कारण है कि भगवान शिव के भक्त सावन के सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। कांवड़ भी शिव मंदिरों में लाते हैं और गंगाजल से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं। लेकिन मान्यता के अनुसार भक्तों को खासकर कन्याओं को भगवान शिव पूजन कैसे करना चाहिए।
मनवांछित फल की प्राप्ति के उपाय
कहा जाता है कि इस दौरान शिव से जुड़े कुछ उपाय आदि करने से भी जातक को अपने मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें करने से हर तरह की मनोकामना पूर्ण हो सकती है। तो आइए जानते हैं सावन में किए जाने वाले खास उपायों के बारे में-
धार्मिक शास्त्रों व शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को श्रावण का मास सबसे प्रिय माह माना जाता है। इस पावन माह में शिव की आराधना करने वालों को लगातार 9 दिनों तक पीले वस्त्र धारण करके शिव मंदिर में जाना चाहिए और भगवान भोलेनाथ व देवी पार्वती की पूजा करके गेंदे के फूल की माला चढ़ाएं।
शाम के समय शिव-पार्वती की पूजा करें और ‘ॐ गौरी शंकराय नम:’ मंत्र का 108 बार जप करें। मान्यता है कि इससे भक्त के विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं तथा उन्हें मनवांछित वर मिलने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
18-24 साल की कन्याएं के लिए उपाय
सावन मास में इस उम्र की लड़कियों को पीले कपड़े पहन कर भगवान भोलेनाथ और पार्वती की पूजा करनी चाहिए तथा शिवलिंग पर इत्र लगा कर ‘ॐ पार्वती पतये नम:’ का 108 बार जाप करना चाहिए। कोशिश करें कि सावन मास में कम से कम 11 दिन तक लगातार ऐसा करें। इस उपाय को करने से शादी में आ रही सभी रुकावटें खत्म हो जाती हैॆ।
30 से ऊपर की कन्याओं के लिए उपाय
108 बेल पत्र पर चंदन से जय श्री राम लिखकर ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए इन बेलपत्रों को एक-एक करके शिवलिंग पर चढ़ाए। कहा जाता है सावन के सोमवार को ये उपाय करने से शादी में रही अड़चनें दूर होती हैं।
ये फूल करें शिव पर अर्पित
इसके अलावाा अविवाहित लड़कियों को सावन के माह में हर दिन सुबह स्नान करके पीले वस्त्र पहनकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हुए नागकेसर का फूल चढ़ाना चाहिए।