मथुरा। विद्युत संविदा कर्मचारियों ने केंंट बिजलीघर पर आठ मांगों को धरना प्रदर्शन किया। धरना में मथुरा के साथ-साथ आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ, हाथरस सहित कई जनपदों के सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए। इस संबध्ां में एक ज्ञापन पूर्व में संविदा कर्मचारियों ने विभाग के उच्चाधिकारियों को दिया था।
धरना प्रदर्शन के दौरान एक स्वर में विद्युत संविदा कर्मचारियों ने कहा कि वर्षों से कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। अधि समय तक कार्य लिया जा रहा है कि लेकिन वेतन वृद्धि नहीं की जा रही है न ही उनके सुरक्षा के उपकरण दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 25 जुलाई को जिला प्रशासन ने कुछ कर्मचारियों से हस्ताक्षर कराकर मीडिया के माध्यम से धरना प्रदर्शन समाप्त कराने की घोषणा जबरन कर ली थी। लेकिन मागों की अनदेखी की गई।
संविदा कर्मचारियों की अगुवाई कर रहे मोती सिंह ने कहा कि 24 घंटे विद्युत कर्मचारी विद्युत लाइन पर चढ़कर जान जोखिम में डालकर कार्य करते हैं, जिसने ठेकेदारों द्वारा सात से नो हजार प्रति माह 26 दिन का वेतन दिया जाता है। ठेकेदारी समाप्त होनी चाहिए। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को उनके बीच आना चाहिए और समस्याओं का निदान करना चाहिए।
धरना प्रदर्शन करने वालों में विद्युत संविदा कर्मचारी दक्षिणांचल के अध्यक्ष मोती सिंह, गौरव मलिक, बाबूलाल, डॉ अशोक अग्रवाल, हकीम सिंह, सीताराम, ताहिर, राजकुमार, ठाकुर लाल, मुकेश, मुकेश कुमार, सतीश कुमार, जितेंद्र कुमार, प्रमोद कुमार, चेतन कौशिक, रमाकांत, भीम, प्रदीप वर्मा, राहुल कुमार, मुकेश कुमार, विष्णु, दीपक आदि उपस्थित थे।
संविदा कर्मचारियों ने ये हैं मांगें
विद्युत विभाग का निजीकरण न किया जाए
कर्मचारियों का शोषण बंद किया जाए
निर्धारित घंटे तक ही कार्य लिया जाए
वेतन वृद्धि की जाए
कर्मचारियों को सुरक्षा के उपकरण दिए जाए
ठेका प्रथा बंद की जाए
कर्मचारियों की सीधी भर्ती की जाए