मथुरा। आम की ऩई प्रजातियां संस्कृति तेजस और संस्कृति, संस्कृति मुस्कान तैयार करने वाले संस्कृति विवि एग्रीकल्चर के प्रतिभाशाली छात्र मृदुल अवस्थी को एक कार्यक्रम के दौरान विवि की विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) मीनाक्षी शर्मा ने स्मृति चिह्न देकर और पटका ओढ़ाकर सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि संस्कृति विश्वविद्यालय में बीएसएसी कृषि संकाय के द्वितीय वर्ष के छात्र मृदुल अवस्थी उन्नाव जिले के रहने वाले हैं। मृदुल ने अपने गांव निस्पंसारी में अपनी नर्सरी में जो आमों की नई किस्म तैयार की है उन्हें देखने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। मृदुल बताते हैं इन किस्मों को तैयार करने में उन्हें पूरे चार साल लग गए। दशहरी व तोतापरी की ग्राफ्टिंग से विकसित किया है।
संस्कृति तेजस को। यह आम पकने पर तीन रंगों में बंट जाता है। ऊपर से लाल, बीच में हरा और नीचे हल्का सफेद रंग हो जाता है। ये तिरंगा होने के कारण भी आकर्षण का केंद्र बना है। यह अत्यंत मीठा और दशहरी की तरह ही कोयली रोग से मुक्त है। वहीं संस्कृति मुस्कान को दशहरी और लखनऊ के सफेदा आम की ग्राफ्टिंग से तैयार किया गया है।
संस्कृति तेजस की तरह यह भी मध्यम आकार का फल है, जिसका स्वाद बहुत अच्छा है। मृदुल बताते हैं उनका शुरू से ही कृषि में रुझान रहा है। हाईस्कूल के बाद से ही उन्होंने नए-नए प्रयोग की शुरुआत कर दी थी। वे कहते हैं कि युवाओं को कृषि में रुचि लेनी चाहिए। कृषि की पढ़ाई के बाद उनके ज्ञान में और बढ़ोतरी हो जाती है और नए-नए प्रयोग करने की प्रेरणा मिलती है, सफलता मिलने पर आत्मविश्वास बढ़ता है।
इस मौके पर संस्कृति विवि की ओसडी श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि संस्कृति स्कूल आफ एग्रीकल्चर में विद्यार्थियों को नवीन कृषि के लिए ज्ञान के साथ-साथ अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। वे विद्यार्थी जिनके परिवार में मुख्य काम खेती का ही है उनके लिए यहां दी जाने वाली शिक्षा वरदान का रूप ले रही है। ये विद्यार्थी अपने पारिवारिक कृषि व्यवसाय में नई सोच के साथ सहयोग कर पा रहे हैं। उन्होंने छात्र मृदुल अवस्थी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन्होंने अपने ज्ञान का बेहतर उपयोग किया और आम की ऩई प्रजातियां तैयार करने में सफलता पाई।