नई दिल्ली। देश के पहाड़ी राज्यों में कुदरत कहर बरपा रही है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बादल फटने से कई लोगों की मौत हो चुकी है। तो वहीं मैदानी क्षेत्रों में भी आसमान से आफत बरस रही है। कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से मुंबई, गुजरात और बिहार जैसे राज्यों में बाढ़ के हालात बने हैं। वहीं अब दिल्ली में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों में रह रहे लोग यमुना के रौद्र रुप को देख सहम गए हैं।
शुक्रवार की सुबह 11:00 बजे के करीब यमुना का जल स्तर 205.34 हो गया, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर ही है। सुबह 9 बजे यमुना का जलस्तर 205.26 मीटर हो गया था। जिस तेजी से यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है उसको देखते हुए माना जा रहा है कि यमुना के आसपास निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने नदी के डूब क्षेत्र के करीब के निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया है और चौबीसों घंटे स्थिति की निगरानी की जा रही है।
प्रीत विहार के एसडीएम राजेन्द्र कुमार ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। उन्होंने बताया कि नार्थ ईस्ट दिल्ली, नार्थ दिल्ली, शाहदरा, पूर्वी दिल्ली, साउथ ईस्ट और सेंट्रल जिलों के डीएम को एलर्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि 10 हजार लोग प्रभावित हो सकते हैं। बाढ़ से संभावित क्षेत्रों में लोगों को सावधान किया जा रहा है। सभी क्षेत्रों में मुनादी की जा रही है। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए 52 बोट तैयार हैं। 24 बोट यमुना नदी के अंदर डाली गई है। एक बोट पर तीन कर्मचारियों की तैनाती की गई है।
बता दें कि पहाड़ों पर लगातार बारिश से हथिनी कुंड बैराज में जैसे ही पानी बढ़ा तो सभी नहरें बंद करके 1 लाख 59 हजार क्यूसेक पानी दिल्ली की तरफ छोड़ दिया गया। कल हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी करीब 72 घंटे बाद ये पानी दिल्ली की सीमा पर दस्तक देगा जो हरियाणा और दिल्ली के निचले इलाकों में आने वाले दिनों में मुसीबत बढ़ा सकता है। इससे स्थिति और ज्यादा खतरनाक हो सकती है।