नई दिल्ली। देश भर में राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस को धूमधाम से उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से झंडा फहराते हैं। भारतीय इतिहास में 15 अगस्त 1947 वह दिन था, जब भारत को ब्रिटिश से स्वतंत्र घोषित किया गया और नियंत्रण की बागडोर देश के नेताओं को सौंप दी गई। इस दिन देश की आजादी में अपनी जान गंवाने वाले शहीदों को नमन भी किया जाता है। वहीं, 26 जनवरी हमें अपने संविधान और लोकतंत्र की अहमियत को एहसास कराती है। साल में इन दोनों अवसरों पर देशभर में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है। जिसे ध्वजारोहण कहा जाता है। लेकिन दोनों में कुछ मूल अंतर हैं, तो आइए जानें वह तीन बड़े अंतर –
पहला अंतर: 15 अगस्त को ध्वाजारोहण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाता है। जबकि 26 जनवरी को देश के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
दूसरा अंतर: 15 अगस्त और 26 जनवरी को मुख्य कार्यक्रम नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है, लेकिन 15 अगस्त को झंडा लाल किले पर फहराया जाता है। जबकि 26 जनवरी को ध्वजारोहण राजपथ/इंडिया गेट पर किया जाता है।
तीसरा अंतर: 15 अगस्त को तिरंगे को थोड़ा ऊपर की ओर खींचकर फहराया जाता है। इसे ध्वजारोहण करते हैं। जबकि 26 जनवरी को झंडा ऊपर ही बधां होता है। इसे वहीं खोलकर फहराया जाता है। जिसे सिर्फ झंडा फरहाना कहते हैं।