Thursday, October 3, 2024
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सोने से भी महंगे हैं इस पक्षी के पंख, कीमत जानकर आपको भी होगी हैरानी

इस दुनिया में अलग-अलग तरह के पशु-पक्षी मौजूद हैं। जो अपनी किसी ना किसी विशेषता के कारण जाने जाते हैं। एसे ही विशेष पक्षी के बारे में आज आपको बताने जा रहे हैं, जिसके पंख काफी मूल्यवान है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि शिकारी अपना पूरा-पूरा दिन लगा देते हैं, क्योंकि अगर ये हाथ लग जाए तो कीमत सोने से कम नहीं है। तो चलिए जानते हैं कि कौन सा है यह पक्षी और क्यों हैं इस पक्षी की के पंखो की इतनी ज्यादा कीमत।

आपको बता दें कि ये पक्षी है, आइसलैंड में रहने वाला ईडर पोलर डक, जी हां, आपने सही पढ़ा। इस पक्षी के पंखों की कीमत इसलिए इतनी ज्यादा है क्योंकि ये दुनिया का सबसे गर्म फाइबर माना जाता है। यह अत्यधिक गर्माहट तो देता ही है इसी के साथ यह काफी हल्का भी होता है। यही वजह है कि इस पंख का इस्तेमाल लग्ज़री ब्रांड अपने प्रोडक्ट्स बनाने में करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसका काफी मांग होती है और कंपनियां इन पंखों को अच्छी कीमत पर खरीदती हैं।

आपको बता दें कि ये गर्म फाइबर तैयार किए जाने वाले पंख आपको तब मिलते हैं जब यह पक्षी अपने अंडो को सेती (हैच) है। लोग एकसाल में तीन बार इसके पंखों को ढूंढने जाते हैं। यह फाइबर काफी हल्का होता है, इसलिए थोड़ा सा इकट्ठा करने के लिए काफी मेहनत कर आपको इसकी कीमत जानकर भी हैरानी होगी। 800 ग्राम फाइबर की कीमत बाजार में 5000 डॉलर से भी ज्यादा मिल जाती है, लेकिन ये बहुत ही हल्के होते हैं। इसलिए एक किलोग्राम फाइबर के लिए भी कम से कम 60 बत्तखों के घोंसले देखने पड़ते हैं। शिकारी तो इन पंखो से कमाई करते ही हैं साथ ही स्थानीय लोगों के लिए ये पक्षी कमाई का जरिया है लेकिन यहां आपको बता दें कि इन पंखों के लिए पक्षी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाता है बल्कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा जीवित रखने की कोशिश की जाती है।

बच्चों को अपना सरनेम रखने के लिए बाध्य नहीं कर सकते पिता: दिल्ली हाईकोर्ट
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बच्चों के सरनेम रखने को लेकर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहाा कि कोई भी पिता अपने बच्चों को सरनेम रखने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। प्रत्येक बच्चे को उसकी मां के उपनाम का इस्तेमाल करने का अधिकार है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी एक याचिका की सुनवाई के दौरान की है। यहां एक शख्स ने कोर्ट से अधिकारियों यह निर्देश देने की अपील की थी कि बेटी के दस्तावेजों में बेटी के उपनाम में मां के बजाय पिता के नाम का इस्तेमाल किया जाए।


याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस रेखा पल्ली ने पिता से कहा कि अगर नाबालिग लड़की अपने सरनेम के साथ खुश है तो आपको इस बात से क्या परेशानी है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चा अपनी मां के उपनाम का इस्तेमाल करना चाहता है तो उसके पास यह अधिकार है। जस्टिस रेखा ने कहा कि किसी भी पिता के पास यह अधिकार नहीं है कि वह उपनाम में केवल उसके नाम का इस्तेमाल करने के लिए कहे।

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