वॉशिंटगटन। अमेरिका में कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट की वजह से संक्रमण तेजी से फैलने लगा है और बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह डेल्टा वैरिएंट की वजह से हो रहा है, क्योंकि यह अल्फा स्ट्रेन की तुलना में बच्चों को अधिक संक्रमित करता है।
कम टीकाकरण दर से बढ़ रही समस्या
कम टीकाकरण की रफ्तार से जूझ रहे अमेरिका के कई हिस्सों में यह प्रवृत्ति विशेष रूप से सामने आई है। कम वैक्सीनेशन वाले क्षेत्रों में कोविड-19 से संक्रमित बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में तेजी देखी जा रही है। टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जेम्स वर्सालोविक का कहना है कि ‘जुलाई की शुरुआत से हमने मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी है और हमने अस्पताल में भर्ती बच्चों में भी वृद्धि देखी है।’
डेल्टा वैरिएंट की वजह से बढ़े मामले
डॉ. जेम्स वर्सालोविक ने कहा कि इसे यहां चौथी लहर माना जा रहा है और यह डेल्टा वैरिएंट की वजह से है। डेल्टा वैरिएंट अभी तक ज्ञात कोविड-19 से सभी स्ट्रेन में सबसे ज्यादा संक्रामक है। कोरोना से संक्रमित 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों में डेल्टा वैरिएंट पाया गया है।
12 साल से कम उम्र के लिए वैक्सीन नहीं
डॉक्टर ने कहा कि हकीकत यह है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अभी तक वैक्सीन नहीं है। 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन कई को अभी तक टीका नहीं लगाया गया है। अभी भी इस क्षेत्र में 50 प्रतिशत से भी कम युवा हैं, जिन्हें पूरी तरह से वैक्सीनेट किया गया है।
12 से ज्यादा उम्र के बच्चों को दी जा रही वैक्सीन
बता दें कि अमेरिका में फाइजर की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी गई है, हालांकि यह 12 से 17 साल के बच्चों को लगाई जा रही है। फाइजर ने मार्च महीने में आंकड़ों को जारी कर बताया था कि 12 से 15 साल के 2,260 वॉलेंटियर्स को ये वैक्सीन दी गई, जिसके बाद किसी भी बच्चे में कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया। उन्होंने इस बात का दावा किया था कि उनका वैक्सीन बच्चों पर पूरे 100 प्रतिशत असरदार है।
फ्लोरिडा के अस्पतालों में भर्ती हुए रिकॉर्ड बच्चे
विश्लेषण के अनुसार, फ्लोरिडा ने लगातार आठ दिनों तक बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने का रिकॉर्ड बनाया। ये उस समय हो रहा है, जब टेक्सास और फ्लोरिडा में अधिकांश छात्र इस महीने स्कूल में वापस आने वाले हैं। इस बीच कुछ स्कूल इस बात पर बहस कर रहे हैं कि क्या बच्चों के लिए मास्क की आवश्यकता है।