मथुरा। महंगे इलाज और अव्यवस्थाओं को लेकर चर्चाओं में रहने वाले नयति अस्पताल में ताला लग गया है। एक करोड़ से ऊपर विद्युत बिल जमा न होने के कारण विद्युत विभाग ने बिजली भी काट दी। नयति मेडिसिटी को लेकर इन दिनों चर्चाएं जोरों पर है। हालांकि अस्पताल की ओर से हॉस्पीटल का ताला लगने के पीछे और ही कारण बताया जा रहा है।
बताया जा रह है कि नयति मेडिसिटी हॉस्पीटल के ऊपर करीब 1.33 करोड़ रूपए का विद्युत बिल बकाया है। इसके चलते विद्युत अधिकारियों ने अस्पताल की बिजली काट दी गई है। 10 अगस्त को विद्युत आपूर्ति काट दी गई। सूत्रों की मानें तो विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण अस्पताल में मरीजों को भी भर्ती नहीं किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि नयति मेडिसिटी की बिजली करोड़ों के बकाए के चलते विद्युत विभाग द्वारा काट दी गई है। स्टाफ को बीते 7-8 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते अस्पताल को बंद कर दिया गया है। वहीं अस्पताल प्रबंधन के अनुसार नयति हॉस्पिटल में फिलहाल मरम्मत का कार्य चल रहा है। जिसके चलते अस्पताल को 3 माह के लिए बंद कर दिया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित नयति हॉस्पिटल विगत काफी समय से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चर्चित रहा है। अस्पताल पर कई बार खराब स्वास्थ्य सुविधाएं देने और मनमाने तरीके से उसका शुल्क वसूलने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन प्रशासन के साथ सांठगांठ होने के चलते शिकायतकर्ता पर दबाव डालकर शिकायतों को दबा दिया जाता रहा है। कोरोना काल में भी कोविड मरीजों के परिजनों से लाखों रूपए वसूलने के बाद भी उन्हें अच्छी सुविधाएं नहीं दी गईं। पैकेज के नाम पर कई दिनों का एडवांस लेने के बाद मरीज की मृत्यु होने की दशा में उनकी जमा रकम भी वापस नहीं की गईं।
अस्पताल प्रबंधन पर अब चिकित्सकीय स्टाफ को बीते कई माह से वेतन न दिए जाने के भी आरोप लग रहे हैं। एक स्टाफ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विगत 7 से 8 माह वेतन नहीं दिया जा रहा है। इससे उनके समक्ष परिवार को चलाने की समस्या खड़ी हो गई है।
नयति हॉस्पीटल के मीडिया प्रभारी प्रशांत अज्ञानी का कहना है कि अस्पताल में मरम्मत का काम चल रहा है। इस कारण तीन माह के लिए हॉस्पीटल को बंद कर दिया गया है। अस्पताल बंद होने के दौरान ही दस तारीख को बिजली कट गई। अस्पताल बिजली कटने की वजह से बंद नहंी हुआ, बल्कि मरम्मत कार्य के कारण बीत सोमवार को बंद किया गया है।