Saturday, November 23, 2024
Homeन्यूज़अन्तर्राष्ट्रीयअफगानिस्तान छोड़ने के 3 दिन बाद राष्ट्रपति गनी का सस्पेंस खत्म, यूएई...

अफगानिस्तान छोड़ने के 3 दिन बाद राष्ट्रपति गनी का सस्पेंस खत्म, यूएई में ली शरण, दी सफाई

अफगानिस्तान से राष्ट्रपति अशरफ गनी परिवार सहित संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शरण ले चुके हैं। देश छोड़ने के चौथे दिन देर रात करीब 10:45 बजे वे पहली बार दुनिया के सामने आए। कहा- मैं अगर मुल्क छोड़कर नहीं आता तो खून-खराबा होता। मैं अपने देश में ऐसा होते नहीं देख सकता था, इसलिए मुझे हटना पड़ा। मुझे भी फांसी पर लटका दिया जाता।

गनी ने पैसे लेकर भागने के आरोपों पर भी सफाई दी। कहा- मैं देश के पैसे लेकर नहीं आया हूं। ये आरोप बेबुनियाद हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बयानों पर गनी ने कहा कि हम तालिबान से बातचीत कर रहे थे, लेकिन यह बेनतीजा रही। उन्होंने सेना और अधिकारियों को धन्यवाद भी किया।

जानिए क्या बोले गनी

“तालिबान से हुए समझौते में साफ कहा गया था कि वो काबुल शहर के अंदर नहीं आएंगे। रविवार (15 अगस्त) दोपहर मुझे मेरे गाड्र्स ने बताया कि तालिबान राष्ट्रपति महल की बाउंड्री वॉल तक पहुंच चुके हैं। अगर मैं अफगानिस्तान में रहता तो देश के लोग एक और राष्ट्रपति को सर-ए-आम फांसी के फंदे पर लटकते देखते। मैं देश से किसी तरह का कैश लेकर नहीं निकला। मैंने यूएई पहुंचने के बाद एक आम नागरिक की तरह कस्टम क्लियरेंस ली। मैं अपने कपड़े ही साथ लाया हूं। अपनी लाइब्रेरी साथ लाना चाहता था, लेकिन ये भी मुमकिन नहीं हो सका। हमारे सुरक्षा बल नाकाम नहीं रहे। देश के बड़े नेता और इंटरनेशनल कम्युनिटी नाकाम रही। मैं अपने मुल्क लौटना चाहता हूं और इसके लिए हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला के संपर्क में हूं। यही लोग तालिबान से बातचीत कर रहे हैं। “

गनी की कही 3 अहम बातों के मायने समझिए

(1) कैश लेकर नहीं आया : काबुल स्थित रूसी दूतावास ने मंगलवार को एक बयान में आरोप लगाया था कि गनी चार कारों और एक हेलिकॉप्टर में कैश लेकर भागे हैं। जो कैश इनमें नहीं समा सका, उसे एयरपोर्ट पर ही छोड़ गए।

(2) एक और राष्ट्रपति को फांसी दे दी जाती : 1996 में तालिबान ने पहली बार काबुल और अफगानिस्तान पर कब्जा किया था। तब मोहम्मद नजीबुल्लाह राष्ट्रपति थे। तालिबान ने उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया, लेकिन चंद घंटे बाद ही काबुल के एक चौराहे पर सर-ए-आम फांसी पर लटका दिया। शव को घसीटा गया।

(3) वतन वापसी की बात क्यों : गनी और उनकी सरकार पाकिस्तान के सख्त खिलाफ थी। अब पाकिस्तान समर्थक कुछ लोग उन्हें गद्दार और भगोड़ा बताकर सोशल मीडिया पर प्रोपेगंडा चला रहे हैं। तालिबान हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला के लगातार संपर्क में हैं। ये दोनों ही अशरफ गनी के करीबी हैं। लिहाजा, गनी अपनी छवि बिगाड़ने की कोशिशों को नाकाम करना चाहते हैं।

15 अगस्त को काबुल छोड़कर चले गए थे गनी

15 अगस्त को काबुल पर तालिबानी कब्जे के बाद अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए थे। वे कहां गए हैं? इसका सस्पेंस अब खत्म हो चुका है। बुधवार शाम संयुक्त अरब अमीरात (वअए) ने एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया- हमारा विदेश मंत्रालय इस बात की पुष्टि करता है कि हमने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार का मानवीय आधार पर अपने मुल्क में स्वागत किया है।

तालिबान ने रविवार को काबुल पर कब्जा किया था। इसके पहले गनी परिवार और कुछ बेहद करीबियों के साथ देश छोड़ चुके थे। अगले दिन यानी सोमवार को एक फेसबुक पोस्ट में गनी ने कहा था कि उन्होंने देश के लोगों को खून-खराबे से बचाने के लिए यह कदम उठाया। हालांकि, अपनी लोकेशन की जानकारी नहीं दी थी।

कई कयास लगाए जा रहे थे

गनी के अफगानिस्तान से भागने के बाद अफवाहों और कयासों का बाजार गर्म रहा। कहा गया कि वे ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान या फिर ओमान में हैं। गनी की पत्नी लेबनान मूल की हैं। लिहाजा, ये भी कयास लगाए कि वे बेरूत में हो सकते हैं। कुछ खबरों में कहा गया कि पूर्व अफगान राष्ट्रपति अमेरिका पहुंच चुके हैं। हालांकि, अब इन चीजों पर वअए ने खुद विराम लगा दिया है। गनी ने फेसबुक पोस्ट में साफतौर पर माना था कि तालिबान जीत गया है।

रूस ने दिया था चौंकाने वाला बयान

काबुल में रूसी दूतावास की तरफ से जारी बयान में मंगलवार को कहा गया था कि गनी अपने साथ चार कारों और एक हेलिकॉप्टर में भरकर कैश ले गए हैं। ये भी कहा गया कि कुछ कैश जब कारों और हेलिकॉप्टर में नहीं समाया तो उसे लावारिस छोड़ दिया गया। गनी ने इस मामले पर अभी कुछ नहीं कहा है। खास बात ये है कि तालिबान भी अब तक इस मसले पर चुप्पी साधे बैठे हैं। तालिबानी नेता राष्ट्रपति महल को अपने कब्जे में ले चुके हैं।

अमेरिका गनी से दूर हुआ

मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान से गनी पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- अफगानिस्तान मामले में अब उनका कोई रोल नहीं है। हालांकि, अमेरिका अब भी उन्हें ‘प्रेसिडेंट अशरफ गनी’ ही कह रहा है। अमेरिका का कहना है कि अफगानिस्तान में अब तक सत्ता का औपचारिक और कानूनी रूप से हस्तांतरण नहीं हुआ है।

यूएई ने पहले भी कुछ नेताओं को शरण

2017 में जब थाईलैंड में हालात बिगड़े तो वअए ने वहां के तत्कालीन प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनवात्रा को शरण दी थी। शिनवात्रा को उनके देश में पांच साल की सजा भी सुनाई गई थी। स्पेन के राजा जुआन कार्लोस भी पिछले साल इस देश में रहे थे। 2007 में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो भी यहां रहीं थीं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments