Wednesday, October 2, 2024
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अब के.डी. हॉस्पिटल में होगा मानसिक रोगियों का सम्पूर्ण इलाज


मेडिकल सुपरिंटेंडेंट आगरा डॉ. दिनेश सिंह राठौर ने किया नए आईपीडी ब्लॉक का शुभारम्भ


मथुरा। जनपद के मानसिक रोगियों को अब मथुरा से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आज (शनिवार को) मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. दिनेश सिंह राठौर इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एण्ड हॉस्पिटल, आगरा ने के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में रिबन काटकर नए आईपीडी ब्लॉक का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर डॉ. राठौर ने मानसिक रोगियों के लिए के.डी. हॉस्पिटल द्वारा की गई व्यवस्थाओं को न केवल देखा बल्कि उनकी मुक्तकंठ से सराहना भी की।


इस अवसर पर विशेषज्ञ मनोचिकित्सक डॉ. गौरव सिंह द्वारा मनोचिकित्सा एक्ट-2017 पर एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया जिसमें बतौर मुख्य वक्ता डॉ. दिनेश सिंह राठौर ने सारगर्भित उद्गार व्यक्त किए। कार्यशाला शुभारम्भ से पूर्व डॉ. राठौर का डॉ. श्वेता चौहान तथा डॉ. सत्यधर द्विवेदी का डॉ. शिवानी ने पुष्प-गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। मनोचिकित्सा एक्ट-2017 कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए डॉ. राठौर ने कहा कि इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य मानसिक रोगों से ग्रसित लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा और सेवाएं प्रदान करना है। साथ ही यह अधिनियम मानसिक रोगियों के गरिमा के साथ जीवन जीने के अधिकार को भी सुनिश्चित करता है।

इस अधिनियम के अनुसार, ‘मानसिक रोग’ से अभिप्राय विचार, मनोदशा, अनुभूति और याददाश्त आदि से संबंधित विकारों से होता है, जो हमारे जीवन के सामान्य कार्यों जैसे- निर्णय लेने और यथार्थ की पहचान करने आदि में कठिनाई उत्पन्न करते हैं। अधिनियम यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच का अधिकार होगा। अधिनियम के अनुसार, मानसिक रूप से बीमार प्रत्येक व्यक्ति को गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार होगा और लिंग, धर्म, संस्कृति, जाति, सामाजिक या राजनीतिक मान्यताओं, वर्ग या विकलांगता सहित किसी भी आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।

डॉ. राठौर ने कहा कि हर समस्या का निदान सरकार नहीं कर सकती। मनोचिकित्सा के क्षेत्र में जागरूकता सबसे अहम पहलू है क्योंकि जागरूकता की कमी के कारण ही कई रोगियों को अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य देखभाल राज्य सूची का विषय है, इसलिये इसकी चुनौतियों से निपटने के लिये राज्य और केंद्र के मध्य उचित समन्वय की भी आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में सरकारी वित्तीय सहायता महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।

विशेषज्ञ मनोचिकित्सक डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि मथुरा जनपद में केवल के.डी. हॉस्पिटल को ही मनोचिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की अनुमति है। इस अवसर पर डॉ. सत्यधर द्विवेदी, डॉ. श्वेता चौहान, डॉ. कमल किशोर, डॉ. शिवानी, मनोविज्ञानी सचिन गुप्ता, समीर गौतम, अमित गोस्वामी तथा बड़ी संख्या में चिकित्साकर्मी उपस्थित थे।

चित्र कैप्शनः रिबन काटकर नए आईपीडी ब्लॉक का शुभारम्भ करते मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. दिनेश सिंह राठौर साथ में हैं मनोचिकित्सक डॉ. गौरव सिंह व अन्य। दूसरे चित्र में कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए डॉ. दिनेश सिंह राठौर।

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