मथुरा। नगर के समीप फेंचरी गांव के विकास के नाम पर 13 लाख रुपए का घपला सामने आया है। जब ग्राम पंचायत के बैंक खाते से विकास के नाम पर निकले 13 लाख रुपए निकले और धरातल पर विकास कार्य न होने का मामला सामने आया तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। मुख्यविकास अधिकारी ने इस मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। जांच डीपीआरओ द्वारा की जा रही है।
पिछले दिनों ग्राम पंचायत चुनाव और उसके बाद शासन के निर्देश पर शपथ पद एवं निष्ठा से कार्यकरने की शपथ दिलाने के बाद विकास संबंधी बैठक हुई। इसके बाद फेंचरी गांव की प्रधान रजनी चौधरी ने गांव पंचायत के खातों की जानकारी की गई। जिसमें खुलासा हुआ कि कोरोना काल में जिस वक्त गांव की प्रशासक सचिव नीरज चौधरी थी उस समय ग्राम पंचायत के बैंक खाते से 13 लाख रुपए से अधिक की रकम गांव के विकास के नाम पर निकाली गई थी। लेकिन जब उन विकास कार्यों का मिलान किया गया तो वह धरातल पर विकास कार्य नजर नहीं आए। इस घपले को लेकर ग्राम प्रधान और गांव के लोग भी हैरान रह गए।
इस संबंध में ग्राम प्रधान ने मुख्य विकास अधिकारी से इस घोटले की शिकायत की। इस प्रशासन हरकत में आया। मुख्य विकास अधिकारी ने इस मामले की जांच डीपीआरओ किरण चौधरी को सौंपी है। किरण चौधरी ने मौके पर जाकर ही जांच करना प्रारंभ कर दिया। डीपीआरओ के पहुंचते ही गांव में हलचल मच गई। वहीं मौके पर ग्राम सचिव को भी बुलाया गया जिन पर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए। दूसरी तरफ ग्राम सचिव नीरज ने पलटवार करते हुए घपले की शिकायता करने वाली प्रधान के पति पर भी कई गंभीर आरोप लगाते। विवाद की आंशका के चलते जांच अधिकारी ने पुलिस भी मौके पर बुला ली गई।
डीपीआरओ किरण चौधरी ने कहा कि मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है, जो भी इसमें दोषी होगा। उसे बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल,वह जांच करके इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को जल्द ही दे देंगी।
इससे पहले भी एक अन्य गांव के प्रधान द्वारा ग्राम सचिव नीरज पर आरोप लगाए। गांव में उन्हें सचिव पद पर आसीन न करने की अपील डीपीआरओ से की थी। इस संबंध में एक लिखित प्रार्थना प्रत्र डीपीआरओ को दिया गया था।