लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर का भय और उसकी पीड़ा अभी भी लोगों के दिलो-दिमाग से उतरी नहीं है कि तीसरी लहर की आहट ने एक और खतरे की घंटी बजा दी है। देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है। संभावित तीसरी लहर और भी खतरनाक होने के साथ ही तेजी पकड़ सकती है। क्योंकि पूरे देश में त्यौहारों का सीजन शुरू हो गया है। केरल में ओणम की धूम के बाद कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में बड़ा सवाल ये खड़ा हो जाता है कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में क्या हालात होंगे।
देखने को तो अभी यूपी में कोरोना के मामले फिलहाल नियंत्रण में हैं। कुछ ही शहरों में इक्का- दुक्का नये केस आ रहे हैं लेकिन, कोरोना हमारे बीच मौजूद है। 26 अगस्त की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में कोरोना के एक्टिव केस 342 हैं। थोड़ी सी लापरवाही 342 की यह संख्या हजारों में पहुच सकती है। चिन्ता की बात यह है कि लापरवाही का दौर शुरू भी हो गया है।
जन्माष्टमी पर बड़ी चुनौती
सबसे बड़ी चुनौती 30 अगस्त को मनायी जाने वाली जन्माष्टमी है। मथुरा में अपार भीड़ उमड़ती ही है। देशभर से लोग यहां आते हैं। मथुरा स्थित श्री कृष्णजन्मभूमि मंदिर प्रबंधन के मुताबिक इस साल जन्माष्टमी पर 50 लाख लोग शहर में आ सकते हैं। मंदिर के गर्भगृह में एक साथ सैकड़ों लोगों का जमावड़ा बेहद खतरनाक हो सकता है। जाहिर है तमाम एहतियात बरतने के बावजूद श्रीकृष्ण जन्म स्थान, बाँकेबिहारी मंदिर सहित अन्य मंदिर कोरोना के नये सुपर स्प्रेडर बन सकते हैं।केरल इसका ताजा उदाहरण है जहां ओणम त्यौहार पर लापरवाही अब भारी पड़ रही है। केरल में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। ऐसे हालात से सबक लेना और डरना जरूरी है।
श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर के आसपास माइक से ये अनाउंस किया जा रहा है कि लोग कोरोना नियमों का पालन करें। इसके अलावा मंदिर के प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर रखे गये हैं। गर्भगृह में ज्यादा भीड़ न हो इसकी व्यवस्था की जा रही है। हालांकि ये भी सच है कि किसी भी मंदिर में दो गज की दूरी मेण्टेन करना संभव नहीं होगा।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच ठा. बाँकेबिहारी मंदिर में लाखों श्रद्धालु देशभर से दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। यहां कोविड-19 के सभी नियमों की अनदेखी लंबे समय से की जा रही है। मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन की लगातार अनदेखी कहीं भारी न पड़ जाए। कहीं बाँकेबिहारी मंदिर सहित अन्य मदिर सुपर स्पे्रेडर बन सकते हैं। इसे लेकर लगातार मीडिया द्वारा आगाह किया जा रहा है। इसके बावजूद लापरवाही बरती जा रही है।