काबुल। दुनिया के अलग-अलग देशों से शांति समझौता कर के वादा तोड़ने वाला तालिबान अब अपने असली रंग में आने लगा है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद से ही अफरातफरी के बीच एक ओर जहां लोग मुल्क छोड़कर जाना चाहते हैं तो वहीं तालिबान उन्हें जाने से रोक रहा है। बीते दिनों खबरें आई थीं कि तालिबान अफगान नागरिकों को बाहर जाने से रोक रहा है।
वहीं अब समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार तालिबान ने इमामों से ‘आग्रह’ किया है कि वह शुक्रवार यानी जुमे के दिन खास उपदेश दें। इस उपदेश में सत्ता के आदेशों का पालन करने की बातें कहीं जाएं। रायटर्स के अनुसार तालिबान ने इमामों से ‘आग्रह’ किया है कि वह लोगों को ‘सरकार की बातें मानने’ यानी आदेश मानने के बारे में ‘उपदेश’ दें।
तालिबान ने यह आग्रह ऐसे वक्त में किया है जब राजधानी काबुल में विस्फोट से 90 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। इससे पहले बीते हफ्ते एक मैसेज में तालिबान ने इमामों से कहा, ‘हमारे हमवतन को देश के विकास के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें देश छोड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इमामों को दुश्मन के नकारात्मक प्रचार का जवाब देना चाहिए।’ उधर अफगानियों को चेतावनी दी गई थी कि वो जुमे की नमाज़ से भागे नहीं।
अफगान सिख, हिंदू श्रद्धालुओं को भारत आने से रोक रहा तालिबान!
इससे पहले दिल्ली की संस्था ‘इंडियन वल्र्ड फोरम’ ने दावा किया था कि तालिबान सिख गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के अवसर पर शामिल होने के लिए आने वाले 140 अफगान हिंदुओं और सिखों को भारत आने की इजाजत नहीं दे रहा है। संस्था के बयान के अनुसार, सिख गुरु का जयंती कार्यक्रम रविवार को ‘कीर्तन दरबार’ के साथ शुरू होगा जिसमें दुनिया के विभिन्न हिस्सों से हिंदू और सिख समुदायों के तीर्थयात्रियों के शामिल होने की उम्मीद है।