Wednesday, October 2, 2024
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जन्माष्टमी: मथुरा के बाजारों में डेढ़ साल बाद लौटी रौनक, सजी दुकानें, खिले व्यापारियों के चेहरे

मथुरा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर एक बार फिर लंबे समय के बाद बाजारों में रौनक लौटी है। मथुरा और ब्रज के धार्मिक स्थलों पर बाजार सज रहे हैं। देशभर से आ रहे श्रद्धालु खरीददारी कर रहे हैं। बाजारों के गुलजार होने से व्यापारियों के चेहरे एक बार फिर खिल उठे हंै। लेकिन व्यापारियों को कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता सता रही है।


मथुरा के छत्ता बाजार, जन्मभूमि बाजार, कृष्णा नगर, होली गेट, कोतवाली रोड पर बाजार अब पूरी तरह खुल रहा है। मंदिरों के आसपास दुकानों पर जन्माष्टमी पर्व को लेकर लड्डू गोपाल, पोशाक और भगवान की श्रृंगार, मुकुट, पगड़ी, पोशाक, मोतियों की तरह-तरह की आकर्षक मालाएं, मोरपंखी और ठाकुरजी के सेवा के बर्तन भी दुकानों सज रहे हैं। इसके अलावा बच्चों की गोपी ड्रेस और बच्चों के लिए कन्हैया ड्रेस धोती, कुर्ता और पटुका, पगड़ी भी खूब भक्तों को भा रही हैं।

वृंंदावन के बाजारों में बाल गोपाल को सजाने के लिए आकर्षण डिजाइन वाली ड्रेसो की दुकानें सजी हुई हैं, जिन पर श्रद्धालु अपने कान्हा को सजाने के लिए सामान की खरीदारी कर रहे हैं। लाला को सजाने को इन पोशाकों में अलग-अलग रंग और अलग-अलग डिजाइनों की पोशाकें उपलब्ध है, जिसमें जरी की पोशाक, मयूर थीम , बर्थडे पोशाक ,मोती पोशाक ,मोर पंख मुकुट, पालना ,बांसुरी, बाजूबंद ढोलना, लाला के कूलर पंखे और विश्राम करने के लिए गद्दे तकिया भी मिल रही हैं।

व्यापारियों का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर डेढ साल के बाद बाजार में रौनक देखने को मिली है। पिछले साल जन्माष्टमी पर बाजारों में लॉकडाउन कारण वीरानी छायी थी। कोरोना और ऊपर से लॉकडाउन से व्यापारियों का बड़ा नुकसान हुआ है। उस नुकसान की भरपाई करना मुश्किल है। इस बार भी त्यौहारों पर पहले की तुलना में श्रद्धालु कम ही बाजार में देखने को मिले। लेकिन ब्रज के सबसे बड़े वार्षिक त्यौहार जन्माष्टमी पर बाजार में पहले जैसी रौकन लौटी है। यही रौनक बनी रहे। अब कोरोना लौटकर न आए। यही भगवान से प्रार्थना है।

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