जन्माष्टमी का त्योहार आने में मात्र एक दिन बाकी है। ऐसे में लोगों में कान्हा के जन्मोत्सव को लेकर गजब का उत्साह है। व्रज की तैयारी के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक और उनके श्रृंगार करने के लेकर भक्तजन उत्सुक हैं। पंजीरी और पाग के भोग भी तैयार किए जा रहे हैं। रात के 12 बजे मंदिरों एवं घरों में अभिषेक एवं पूजा की जाती है। पूजा के दौरान कुछ बातों का खास ध्यान रखने व कुछ काम करने से श्रीकृष्ण की असीम कृपा मिलती है। आइए जानते हैं रात के समय कैसे कराएं भगवान श्रीकृष्ण को अभिषेक के नियम-
- रात 12 बजे नार वाले खीरे को सिक्की से काट कर बाल स्वरूप कृष्णा जी का जन्म करवाएं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, नार वाला खीरा देवकी मां के गर्भ का प्रतीक कहलाता है।
- शंख में दूध भरकर उनका अभिषेक करें। आप पंचामृत से भी भगवान श्री कृष्ण को स्नान करवा सकते हैं।
- कान्हा को नरम और मुलायम कपड़े पहनाएं। इसके साथ ही उनके सिर पर मुकुट और हाथ में बांसुरी रखेकर उन्हें झूला झुलाएं।
- कान्हा को माखन और मिश्री में तुलसी मिलाकर भोग लगाएं। आप खीर, पंजीरी, पेड़े आदि का भी कान्हा को भोग लगा सकती है। मगर इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी के बिना श्रीकृष्ण का भोग अधूरा माना जाता है।