मथुरा। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की धूम मची है। सजे-धजे मंदिरो में अपने आराध्य के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा है। वहीं पुजारी, संत महंत आराध्य के महाभिषेक की तैयारियों में लगे हैं। वहीं जगह-जगह धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के उल्लास में मानो मथुरा नगरी डूब गई है। हर ओर उल्लास छाया है और बस एक ही बोल चहुंओर सुनाई दे रहे हैं- नन्द के आनन्द भयो जय कन्हैया लाल की…
भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा के श्रीकृष्ण जन्म स्थान मंदिर में पिछले कई दिनों से देशभर से आए श्रद्धालुओं का तांता लगा है। मंदिर के बाहर दर्शनों की लालसा लिए पहुंचे भक्तजन लंबी कतार में लगे हैं और आराध्य श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर हैं। वहीं मंदिर को पुष्पों, विद्युत झलरों, लतापताओं से सजाया गया है। मंदिर के पुजारियों ने शाम को भगवान के अभिषेक के लिए पंचामृत और नई जरी की जड़ाई वाली पोशाक तैयार की है।
ब्रज के लोकनृत्य व गायन को सुन झूम उठे श्रद्धालु
मंदिर के बाहर शहर के तिराहे-चौराहें पर हुई सजावट देखते ही बनती है। श्रद्धालुओं का सजावट देख मन पुलकित हो रहा है। वहीं जिला प्रशासन, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय कृष्ण उत्सव का शुभारंभ हो चुका है। जिसमें ब्रज के सुप्रसिद्ध कलाकारों ने तथा प्रदेश के अन्य जनपदों के कलाकारों ने बहुत सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, भजन, लोक गायन एवं प्राचीनतम विधा रसिया नौटंकी भगत आदि का बहुत सुंदर मंचन किया जिसे देखकर दूरदराज से आए हुए श्रद्धालुओं ने इन सभी कार्यक्रमों का आनंद लिया।
ब्रज में बुंदेलखण्ड से आए कलाकारों ने किया राई नृत्य
कार्यक्रम का शुभारंभ रामलीला मैदान में कान्हा अकादमी के कलाकारों द्वारा गणेश वंदना एवं बांके बिहारी की झांकी तथा लोक नृत्य घुंघटा उठा दे गोरी घुंघटा उठा दे लोक नृत्य से हुआ। लड्डू गोपाल की झांकी के साथ कलाकारों ने श्री कृष्ण जन्म की बधाई प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम में बुंदेलखंड से आए कलाकार दल ने वहां का राई नृत्य प्रस्तुत किया। इसके उपरांत मंच पर आए वृंदावन इस्कॉन मंदिर के भक्तों ने सुंदर श्री कृष्णा संकीर्तन एवं प्रदेश की सुप्रसिद्ध लोक गायक श्रीमती माधुरी शर्मा का गायन हुआ। उन्होंने बाँके बिहारी की बाँकी मरोड़ चित लीनो है चोर गाकर समा बांध दिया। मंच पर जहां एक और नृत्य की प्रस्तुति हुई वही डॉ सीमा मोरवाल के द्वारा ब्रिज का लोक गायन व नृत्य और सुप्रसिद्ध सूफी गायक जेएसआर मधुकर के द्वारा एक से एक बढ़कर सुंदर भजन प्रस्तुत किए जिन्हें सुनकर समूचा पांडाल भक्ति रस में डूब गया।
भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं को देख भावविभोर हुए भक्त
अंतिम प्रस्तुति में सुप्रसिद्ध रासाचार्य स्वामी राम बल्लभ शर्मा के निर्देशन में श्री कृष्ण की विभिन्न रासलीला जिन में माखन चोरी और गोचरण लीला का मंचन किया। इसके साथ साथ प्रशासन की ओर से मथुरा शहर में विभिन्न चौराहों पर सजावट की गई और सेल्फी प्वाइंट बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त 11 स्थानों पर छोटे मंच बनाए गए जहां पर ब्रिज के लोक कलाकारों ने कहीं पर रसिया, कहीं लावणी, मयूर नृत्य, रास, भगत आदि का प्रदर्शन किया। रामलीला मैदान में मथुरा संग्रहालय के उपनिदेशक यशवंत सिंह राठौर के निर्देशन में श्री कृष्ण की बाल लीलाओं से संबंधित आर्ट गैलरी लगाई गई।
ब्रज संस्कृति ने विश्व में बनाई अपनी विशिष्ट पहचान
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ नगेंद्र प्रताप ने कहा कि ब्रज संस्कृति ने विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है हमारा प्रयास है कि हम ब्रज की संस्कृति यहां की लोक परंपरा यहां के लोक संगीत को संरक्षित एवं सुरक्षित कर सकें। उप कार्यपालक पंकज वर्मा ने कहा कि तीन दिवसीय कार्यक्रमों में हम प्रतिवर्ष ब्रज के अलग अलग कलाकारों को न केवल प्रोत्साहन दे रहे हैं बल्कि उन के माध्यम से ब्रज संस्कृति को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह संकल्प है के वह प्रदेश की लोक सांस्कृतिक विरासत को अक्षण बनाए रखने के लिए हर संभव उनकी सरकार कलाकारों की मदद करें।
कलाकारों का किया गया सम्मान
कार्यक्रम में आयोजन समिति के सदस्य पर्यटन अधिकारी डीके शर्मा, देवेंद्र शर्मा, अनूप शर्मा, संजय शर्मा के द्वारा कलाकारों का सम्मान किया गया कार्यक्रम में अनिल चतुर्वेदी, अभिराज शर्मा अरविंद शर्मा आदि का सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन दीपिका शर्मा एवं अश्वनी शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन डीके शर्मा ने किया।