मथुरा। जनपद में लंबे समय के बाद एक बार फिर क्लास-1 से 5 तक के प्राइमरी स्कूल खोल दिए गए हैं। लंबे समय के बाद स्कूलों में बच्चों की चहलकदमी हुई। लेकिन स्कूल आने वाले बच्चों की उपस्थिति बहुत ही कम देखी गई। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच स्कूलों में कोविड गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों को एक निश्चित दूरी पर बैठकर पढ़ने और मास्क लगाने की सीख दी गई। हालांकि पहले दिन बच्चे स्कूल बिना मास्क लगाए पहुंचे। बेसिक शिक्षा परिषद ने स्कूलों की निगरानी के लिए टीम बनाई है।
वृंदावन के प्राइमरी पाठशालाओं के शिक्षकों का कहना है कि स्कूल को निर्धारित समय पर खोल दिया गया है। लेकिन पहले दिन बच्चे बहुत ही कम संख्या में स्कूल आए हैं। संभावना है कि एक-दो दिन में स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या बढ जाएगी। बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराया जा रहा है। लेकिन फेसमास्क लगवाना बच्चों के मुश्किल हो रहा हैं।
प्राइमरी स्कूलों को इन नियमों का करना होगा पालन
- मास्क और सामाजिक दूरी का करवाया जाएगा पालन
- स्कूलों में दो पालियों में होगी पढ़ाई
- ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन कक्षाओं का भी है विकल्प
- सुबह 8 बजे से खुलेंगे स्कूलइसके साथ ही
- 1: 4-4 घंटे की 2 शिफ्ट में होंगी क्लासेस
- एक शिफ्ट में क्लास में बैठ सकेंगे 50% विद्यार्थी: क्लासरूम में ही होगी असेंबली
- इंटरवल में क्लास में ही करना होगा लंच
- ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में होगी पढ़ाई
- अभिभावकों की अनुमति के बाद ही बच्चों को मिलेगा स्कूल में प्रवेश इसके अलावा
स्कूल ना आने वाले बच्चे घर से कर सकेंगे ऑनलाइन क्लासेस
कक्षाएं दो पालियों में संचालित होंगी। पहली पाली सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी दोपहर 12.30 से शाम 4.30 बजे तक चलेगी। दोनों पालियों में छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत होगी। इसके अलावा अभिभावक की अनुमति के बाद ही छात्र पढ़ाई के लिए स्कूल आ सकेंगे। वहीं माध्यमिक विद्यालयों में सोमवार से शुक्रवार तक कक्षाएं लगेंगी, जिसमें सभी छात्रों को मास्क पहनकर आना अनिवार्य कर दिया गया है।
बता दें कि यूपी में स्कूल खोलने के फैसले के साथ ही यह घोषणा भी की गई है। स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी और अगर कोविड की स्थिति बिगड़ती है तो स्कूल फिर से बंद हो सकते हैं। बता दें कि इससे पहले सरकार ने 16 अगस्त से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूल, विश्वविद्यालय, कॉलेज और कोचिंग संस्थान खोलने का फैसला किया था। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से शिक्षा अधिकारियों को पहले ही दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं।