बाराबंकी। एक दरोगा ने रिटायरमेंट हो जाने के दो साल बाद तक नौकरी करने का मामला सामने आया है। इस बात की भनक न ही पुलिस मेहकमा हुई और न ही दरोगा ने किसी को्र इस बार में बताया। लेकिन जब शनिवार शाम को पुलिस उच्चाधिकारियों को इसकी भनक लगी तो पुलिस मेहकमा हैरान रह गया। जिसके बाद जीडी पर तस्करा दर्ज करके दरोगा को घर भेज दिया गया। वहीँ मामले में अब जाँच के आदेश दिए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, लखीमपुर खीरी के रहने वाले जगतपाल वर्मा पुलिस महकमे में आरक्षी पद पर भर्ती हुए थे। वर्ष 2013 में पहली प्रोन्नति पाकर वह दीवान बने। इसके बाद 2016 में दूसरी प्रोन्नति मिलने पर जगतपाल उपनिरीक्षक बन गए। वह इन दिनों बाराबंकी पुलिस लाइन में तैनात थे। शनिवार को पुलिस ऑफिस में बड़े बाबू ने जगतपाल की चरित्र पंजिका व सेवा संबंधी कागजात देखे तो हैरान रह गए। उसमें ये बात सामने आई कि जगतपाल वर्मा की सेवानिवृत्ति तो 31 अक्तूबर 2019 को होनी थी मगर वह तो ड्यूटी कर रहे हैं। बस फिर क्या था जल्दबाजी में जिले के एसपी तक मामला पहुँचाया गया।
जन्मतिथि लिखने में हुई गलती
जब पड़ताल हुई तो ये बात सामने आई कि जगतपाल की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के शैक्षिक प्रमाणपत्रों में जन्मतिथि वर्ष 1959 दर्ज है मगर भर्ती के वक्त चरित्र पंजिका पर गलती से जन्मतिथि 1962 लिख दी गई थी। इसके चलते महकमे ने जगतपाल को सेवानिवृत्त नहीं किया। वहीं, जगतपाल भी चुपचाप नौकरी करते रहे।
अधिकारियों ने रविवार सुबह जगतपाल को बुलाकर पूछताछ की। इसके बाद उनसे लिखवाया कि मैंने भूलवश दो साल अतिरिक्त नौकरी कर ली है, जबकि मेरा रिटायरमेंट 31 अक्तूबर 2019 में होना था। इसके बाद जीडी पर तस्करा डालकर जगतपाल को घर भेज दिया गया। फ़िलहाल इसकी जांच सीओ लाइंस/ऑफिस पंकज कुमार को सौंपी गई है।