Saturday, November 23, 2024
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जी.एल. बजाज ने किया गांव सिहाना में महिला जागरूकता कार्यक्रम

  • महिलाओं और बेटियों को बताए माहवारी के दौरान स्वस्थ रहने के उपाय


मथुरा। जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा शिक्षा ही नहीं सामाजिक सरोकार के क्षेत्र में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है। बुधवार को संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी की अगुआई में परिषदीय संविलित विद्यालय, सिहाना, विकास खण्ड चौमुहां, मथुरा में महिला जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें महिलाओं तथा बेटियों को स्वास्थ्य के प्रति उपयोगी जानकारी दी गई। इस अवसर पर महिलाओं और बेटियों को माहवारी से सम्बन्धित जानकारी देने के साथ ही उन्हें सैनिटरी पैड्स भी प्रदान किए गए।


संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी, प्रो. तानिया बेरा तथा डॉ. स्नेहलता कश्यप ने महिला जागरूकता कार्यक्रम में उन्हें माहवारी के समय स्वस्थ रहने के उपाय बताए। प्रो. अवस्थी ने सिहाना गांव की महिलाओं और बेटियों को माहवारी में आने वाली परेशानियों की भी जानकारी दी। साथ ही समाज में फैली कुरीतियों को भी समाप्त करने की समझाइश दी। इसके तहत उन्हें बताया गया कि मासिक धर्म शरीर में होने वाली एक सामान्य हार्मोनल प्रक्रिया है। यह क्रिया प्राकृतिक है। यह सभी लड़कियों में किशोरावस्था के अंतिम चरण से शुरू हो जाती है। इसके बारे में बहुत से लोगों के मन में कई तरह की अज्ञानता है जिन्हें बदलने की जरूरत है।

प्रो. नीता अवस्थी ने बताया कि हमारे देश में सैनिटरी नेपकिन के आविष्कारक पद्मश्री अरुणाचलम मुरुगनाथम हैं। मुरुगनाथम की सच्ची कोशिश और कुछ करने की शिद्दत से ही वह पैडमैन के नाम से मशहूर हुए। दरअसल, अरुणाचलम मुरुगनाथम ने 36 साल की उम्र में 1998 में शांति नाम की लड़की से शादी की थी।

शादी के बाद उन्हें पता चला की उनकी पत्नी पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड्स नहीं बल्कि गंदे कपड़े और अखबारों का इस्तेमाल करती हैं। यही नहीं उनकी पत्नी को पैड्स के बारे में जानकारी तक नहीं थी। इस वाकये के बाद अरुणाचलम मुरुगनाथम ने सस्ते पैड्स बनाने की ठान ली। बाद में उन्होंने बेहद कम लागत वाली सैनिटरी पैड्स की मशीन का आविष्कार किया। आज वह अपनी कम्पनी चलाते हैं। मुरुगनाथम की कम्पनी के पैड्स का इस्तेमाल देशभर के करीब 4500 गांवों में होता है। उनके इस जुनून तथा शानदार सफलता के लिए 2016 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया।


प्रो. तानिया बेरा ने बताया कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता न रखने पर बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन होने की आशंका बनी रहती है। मासिक धर्म के समय कपड़े से बेहतर सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल करना चाहिए। इस्तेमाल पैड को सही तरीके से फेंकना भी बहुत जरूरी है। जागरूकता अभियान के दौरान सैनिटरी पैड का महत्व भी बताया गया।

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