जीवन भर धर्म-अध्यात्म तथा साधु-संतों की सेवा में लीन रहीं
मथुरा। धर्मप्राण और साधु-संतों की सेवा में जीवन भर लगी रहीं आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल की मां कांती देवी का लगभग 87 साल की उम्र में आज निधन हो गया। वह लम्बे समय से अस्वस्थ चल रही थीं। लगभग 46 साल तक नियमित यमुना स्नान और वृंदावन की परिक्रमा उनके जीवन में शामिल रहा। संत प्रवृत्ति दादी मां कांती देवी अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़कर गोलोकवासी हुई हैं। कांती देवी बहुत ही मिलनसार, मृदुभाषी एवं धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं।
दादी मां के निधन का दुखद समाचार सुनते ही समूचे आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के कॉलेजों के प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं तथा कर्मचारियों में शोक की लहर दौड़ गई। हर किसी ने उन्हें याद किया और श्रद्धासुमन अर्पित किए। दिवंगत दादी मां कांती देवी की जहां तक बात है, वह बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति की थीं तथा धर्म-अध्यात्म के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया करती थीं। वह साधु-संतों की सेवा को ही अपना कर्तव्य समझती थीं।
यह किसी मां के लिए सबसे बड़े सौभाग्य की बात है कि उनके पुत्र डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने जीते जी उनके नाम से दो कॉलेजों कांती देवी मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर तथा कांती देवी डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल की स्थापना की जोकि चिकित्सा-शिक्षा के क्षेत्र में आज ब्रज मण्डल ही नहीं समूचे देश में अपनी पहचान रखते हैं। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने बताया कि उनकी मां ने बहुत गरीबी देखी तथा बड़े साहस और कर्तव्य-निष्ठा व बड़ी जिंदादिली के साथ हम भाईयों की परवरिश की। उन्होंने हम भाइयों को पढ़ाया और अच्छे संस्कार देते हुए हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि वह हर जीव से प्यार करती थीं तथा लोगों के हर कष्ट में हमेशा शामिल रहती थीं। डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि मां का निधन हम सबके के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई सम्भव नहीं है।
दादी मां कांती देवी के निधन पर वृंदावनवासियों ने भी गहन संवेदना व्यक्त की और मृतात्मा को श्रीप्रभु से अपने श्रीचरणों में स्थान देने की विनती की। कई लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वह हममें से हर व्यक्ति के लिए हमेशा प्रेरणा बनी रहेंगी। गौरतलब है कि दादी मां कांती देवी ने अपने पीछे चार पुत्र और बहुएं, नाती-नातिनें तथा पौत्र-प्रपौत्रों को छोड़कर अंतिम सांस ली है।
दादी मां कांती देवी के निधन का समाचार जिसने भी सुना वह उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने डॉ. रामकिशोर अग्रवाल के निवास पहुंचा। शोक व्यक्त करने वालों में धार्मिक तथा सामाजिक संगठनों के लोग तथा बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। उनकी अंतिम यात्रा में पहुंचे लोगों ने भी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की तथा शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. ।अन्तिम यात्रा के लिये अपने निज निवास वृन्दावन से सायं ४:३० बजे प्रस्थान करेंगी।