लखनऊ। उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर लंबे समय से चल रही अटकलों पर विराम लग गया। यूपी सरकार में एक कैबिनेट मंत्री और छह राज्य मंत्रियों के रुप में सात नए चेहरों को शामिल किया गया है। आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश के सामाजिक संतुलन साधने के लिए मोदी फार्मूले को यूपी में अपनाया गया है। जिसके तहत एक सवर्ण तीन पिछड़ा वर्ग के और तीन दलित को कैबिनेट मंत्री बनाया है। इस तरह भाजपा ने जाति के साथा-साथ क्षेत्रीय संतुलन भी साधने का दांव चला है। इसे एक तरह से देखा जाए तो यह चुनावी मंत्रीमंडल का विस्तार हुआ है।
उत्तरप्रदेश में चार महीने के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए योगी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार अखिरकार रविवार शाम को हो गया। जिसमें एक सवर्ण, तीन पिछड़ा वर्ग के और तीन दलित नेताओं को कैबिनेट में जगह दी है।
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है और साथ ही राज्यपाल कोटे से विधान परिषद के लिए भी नामित किया गया है। वहीं बलरामपुर के विधायक पलटूराम, सोनभद्र के ओबरा से विधायक संजीव सिंह उर्फ संजय गौड़, गाजीपुर से पहली बार विधायक बनी संगीता बिंद, मेरठ से विधायक दिनेश खटीक, आगरा से विधायक धर्मवीर प्रजापति और बरेली के बहेड़ी से विधायक छत्रपाल गंगवार को राज्य मंत्री बनाया गया। जितिन को छोड़कर सभी बने राज्य के मंत्री राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा से लंबे समय से जुड़े हुए हैं।