कोसीकलां। ऐतिहासिक भरत मिलाप मेला हजारों भक्त उस पल भावुक हो गए जब भगवान राम से भरत और शत्रुधन गले मिले। शनिवार की रात को भक्तों के कंधों पर चलकर श्रीराम और भरत गले मिले। इस पल से रामलीला स्थल का माहौल द्वापर युगीन हो गया। हर कोई भावुक होकर प्रभु राम और भरत के चरित्र में खो सा गया। लोगों के कंधों पर चलकर अयोध्या के द्वार पर श्रीराम से मिले तो पूरा मेला क्षेत्र राजारामचंद्र की जय से गुंजायमान हो उठा। शोभायात्रा में देर रात तक झांकियां निकलती रहीं। जिनका जगह-जगह पुष्प वर्षा कर जयकारों के बीच लोगों ने स्वागत किया।
चारों भाइयों का मिलन तथा माता जानकी के चरणों में भरत जी का शीश झुकाना श्रद्धालुओं को इतना भाया कि बार-बार राजारामचंद्र की जय से पूरा वातावरण गुंजायमान होता रहा। मिलन के साथ ही रामजी की आरती उतारकर उनका अयोध्या आगमन पर स्वागत किया। जिसने राम के आने की खबर सुनी, वही प्रसन्न होकर अयोध्या के प्रवेश द्वार की ओर दौड़ पड़ा। दूसरी ओर, भरत जी को राम के आने की खबर देकर हनुमान वापस श्रीराम के पास चले आते हैं।
वहीं दूसरी तरफ चित्रकूट के प्रतीक ब्राह्मण सभा धर्मशाला से पुष्पक विमान के प्रतीक रथ पर रात 8 बजे श्रीराम, जानकी एवं लक्ष्मण की सवारी हनुमान सहित निकाली गई। इससे पूर्व राम परिवार की आरती की गई। श्रीराम की सवारी को भरतमिलाप चौक पहुंचने में लगभग दो घंटे से अधिक का समय लगा। रास्ते में स्थान-स्थान पर पुष्पवर्षा हुई तथा आरती उतारी गई।
नगर को दुल्हन की तरह सजाया गया, रोशनी की गई और तोरण द्वारा बनाए गए। रात में श्रीराम की सवारी जब भरतमिलाप चौक में पहुंची तो श्रद्धालुओं की अपार भीड़ से वातावरण राममय हो गया। श्रीराम के पास भरत-शत्रुघ्न के जाने के लिए श्रद्धालुओं ने अपने कंधों से मानव सड़क का निर्माण कर दिया। हर किसी की एक ही सोच थी कि अगर आज भरत जी उनके कंधों से गुजरकर और उनके शरीर से छू भर गए तो उनका जीवन धन्य हो जाएगा। इस मानव सड़क से भरत एवं शत्रुघ्न अयोध्या के द्वार तक पहुंचे तथा वहां पहुंचकर रामजी से गले मिले। चारों भाइयों के गले मिलते ही ब्रज मंडल का अलौकिक भरतमिलाप रात्रि में संपन्न हो गया।
भरत मिलाप मेले के दौरान निकाले गए पुष्पक विमान की झांकी का अग्रसेन मार्ग, बस स्टैंड, अंबेडकर पार्क, पालिका मार्केट, शेरगढ़ तिराहा, घंटाघर, पंजाबी बाजार, सुभाष बाजार, लाठी बाजार पर आरती उतारकर पूर्ण आस्था के साथ स्वागत किया गया। हर कोई भगवान के स्वरुप की एक झलक पाने को आतुर दिखा। पूर्व मंत्री ठाकुर तेजपाल सिंह, कल्यान सिंह ने आरती उतारी।
संस्थान के मेला आचार्य मोरमुकुट शास्त्री, विजय अगरारिया, सत्यनारायण शर्मा, गिर्राज जैन, सतीश जैन, पीसी जैन, संयोजक सुभाष बांसईया, अध्यक्ष कमल किशोर वाष्र्णेय, मंत्री अन्नू वैद्य, राहुल जैन,ोपाल मुनीम, वेदप्रकाश गोयल, हरिओम गुप्ता, महेश जादौन, प्रमोद बठैनिया, अमित बठैनिया, निर्भय पांडेय, चंद्रप्रकाश अग्रवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष भगवत रूहेला, सुभाष गोयल, सौरभ बांसईया, राहुल अग्रवाल, चंद्रप्रकाश अग्रवाल, केके अग्रवाल, हरिओम गुप्ता, अंकित गुप्ता, अजय गोयंका, देशबंधु अग्रवाल, संजीब जाविया, तेजवंत जैन, आदि चल रहे थे।