राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं ने हासिल की कोकाकोला के निर्माण की जानकारी
मथुरा। विद्यार्थी जीवन में पठन-पाठन के साथ शैक्षिक भ्रमण का भी विशेष महत्व है। शैक्षिक भ्रमण से युवा पीढ़ी को जो जानकारी और अनुभव हासिल होता है वह जीवन पर्यंत याद रहता है। इसी उद्देश्य को लेकर राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट द्वारा एमबीए द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को स्थानीय कोकाकोला कम्पनी का शैक्षिक भ्रमण कराया गया।
कोकाकोला कम्पनी के एच.आर. मैनेजर ने विद्यार्थियों को फैक्ट्री के रॉ-मैटेरियल कलेक्शन तथा प्रोडक्शन यूनिटों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने कोकाकोला शीतल पेय की मार्केटिंग के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। कम्पनी पदाधिकारी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि किस प्रकार से पेय पदार्थ मार्केट में लोकप्रिय होते हैं और उपभोक्ताओं के मन में स्थान बनाते हैं। कोकाकोला की मार्केटिंग तथा मैनेजमेंट के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर भी छात्र-छात्राओं ने कम्पनी पदाधिकारियों से सवाल पूछे।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि इण्डस्ट्रियल भ्रमण से विद्यार्थी व्यावहारिक ज्ञान अर्जित करता है। अर्जित ज्ञान के मूल्यांकन और उसमें शेष रह गई कमियों की जानकारी ऐसे भ्रमणों से ही होती है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि वैदिककाल में ऐसे शैक्षिक भ्रमण लम्बी अवधि के होते थे। शिष्य गुरु-आचार्य की अनुमति से ऐसे भ्रमण पर निकलते थे और कुछ बनकर ही वापस लौटते थे। उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त शिक्षण में शैक्षिक भ्रमण का बड़ा योगदान है। छात्र जीवन कठिनाइयों से भरा होता है जिसमें शैक्षिक भ्रमण चार चांद लगा देते हैं और ज्ञानार्जन सरल हो जाता है।
संस्थान के प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि इण्डस्ट्रियल भ्रमण विद्यार्थियों के व्यावहारिक व प्रायोगिक ज्ञान में वृद्धि करने में सहायक होता है। विद्यार्थी सैद्धान्तिक ज्ञान तो कक्षा में नियमित प्राप्त करता रहता है लेकिन प्रायोगिक ज्ञान शैक्षिक भ्रमण के दौरान ही मिलता है। ऐसे भ्रमण से छात्र-छात्राओं को महत्वपूर्ण बारीकियां पता चलती हैं, जो हमेशा दिमाग में रहती हैं। संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे शैक्षिक भ्रमण में जो भी देखते और जानकारी हासिल करते हैं, उसकी एक नोटबुक भी तैयार करें।
व्यावहारिक ज्ञान के लिए शैक्षिक भ्रमण जरूरीः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल
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