Monday, September 30, 2024
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किसानों को उन्नत प्रौद्योगिकी को सीखना होगाः प्रो. दुबे

  • संस्कृति विवि में खुला ग्रीन टेक्नोलाजी केंद्र
  • किसान जागरूकता कार्यक्रम में लिया सैंकड़ों किसानों ने भाग

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फार ग्रीन टेक्नोलाजी’ का उद्घाटन करते हुए यूजीसी, एचआरडीसी जोधपुर के डाइरेक्टर प्रोफेसर (डा.) राजेश दुबे ने कहा कि एक समय में भारत उन्नत कृषि के कारण ही विश्व का गुरु था। आज भी भारत कृषि प्रधान देश है। अब समय आ गया है जब हमारे किसानों को नई प्रौद्योगिकी को सीखना होगा।
संस्कृति विवि उन्नत भारत अभियान के तहत आयोजित किसान जागरूकता कार्यक्रम में विवि के सभागार में मौजूद सैंकड़ों किसानों का उत्साहवर्धन करते हुए डा. दुबे ने कहा कि बिना किसान को साथ लिए हुए उन्नत भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह बनाकर हम प्रदूषण मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण के लिए एक से एक बढ़कर काम कर सकते हैं। मथुरा-वृंदावन आध्यात्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल हैं। यहां तकनीकि का सामंजस्य करने मात्र से विकास का पहिया तेज गति से दौड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि संस्कृति विवि इस क्षेत्र को विश्वस्तर पर पहचान दिलाऩे के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। कुलपति प्रोफेसर एसपी पांडे की अगुवाई में विश्वविद्यालय में निरंतर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जो क्षेत्र के उन्नत विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।


प्रोफेसर दुबे ने किसानों और कृषि के विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए बताया कि आज के समय में ऐसे ट्रैक्टर का निर्माण हो चुका है जो खेत में जाते ही खेत की मिट्टी के लिए आवश्यक पानी, खाद और मिट्टी की किस्म तक की जानकारी दे सकता है। ऐसा उन्नत तकनीकि से ही संभव हो सका है। आप जैसे मोबाइल का इस्तेमाल करना सीख रहे हैं इसी तरह से खेती की नई तकनीकियों को भी सीखें जिससे उन्नत खेती कर सकेंगे और यहां का मंगल विकास होगा।


विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी पांडे ने उन्नत भारत अभियान के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी का लक्ष्य किसानों की आय कैसे बढ़ाई जाय इसपर लगातार कार्यक्रम सारे देश में किए जा रहे हैं। संस्कृति विवि ने जो गांव गोद लिए हैं, वहां बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने का काम किया जा रहा है। साथ ही उन्हें निशुल्क शिक्षा देने की योजना पर भी काम किया जा रहा है। विवि का उद्देश्य ऐसी शिक्षा देने का है जिससे विद्यार्थी का समग्र विकास हो। कार्यक्रम के दौरान इंडियन वेजीटेबल रिसर्च सेंटर वाराणसी के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डा. एसएनएस ने किसानों को कृषि में हो रही खोजों के बारे में उपयोगी जानकारी दी। वहीं पर्यावरणविद् डा. अर्चना पांडे ने पर्यावरण संतुलन के लिए आवश्यक खेती और किसानों के दायित्व पर प्रकाश डाला।

संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के डा. दीपक नायर ने आयुर्वेद में उल्लेखित आयुर्वेद और कृषि के संबंध पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि आयुर्वेद में भूमि सुधार, बीज सुधार, फसल के संरक्षण, उपयोगी फसल के बारे में विस्तार से बताया गया है। वृक्षायुर्वेद इस दृष्टि से बहुत उपयोगी है। अंत में संस्कृति स्कूल आफ एग्रीकल्चर के डीन डा. अशोक यादव ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।


कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर दुबे द्वारा सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण से हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्कृति स्कूल आफ योगा के आचार्य रंजन और स्कूल आफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डा.एनी अंकिता लाल ने किया।

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