मथुरा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर प्रबंध कमेटी द्वारा लगभग 150 बच्चों को पढ़ाई के लिए अधिकतम दो हजार रुपये तक शिक्षा शुल्क दिया जाता है। गोस्वामियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता इन दिनां मंदिर प्रबंधन द्वारा बंद कर दी गई है।
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत एवं श्रीहरिदासबिहारी फाउंडेशन के संस्थापक आचार्य प्रहलादबल्लभ गोस्वामी ने मंदिर प्रशासन से सेवायतों को दशकों से मिलती आ रही सुविधाओं को फिर से सुचारु करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि सुविधा और सहायता बंद होने से अधिकांश उन सेवायतों का भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिनकी सेवा मात्र 1 या 2 दिन की है और इस उम्र में कमाई का अन्य कोई साधन भी नहीं है। सहायता बंद होने से ऐसे सेवायतों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन सेवायतों को बच्चों की स्कूल की फीस तक भरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मंदिर सेवायतों को यह मिलती हैं सुविधाएं
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर प्रबंध कमेटी द्वारा लगभग 150 बच्चों को पढ़ाई के लिए अधिकतम दो हजार रुपये तक शिक्षा शुल्क दिया जाता है। इनमें राजभोग/शयनभोग दोनों ही थोक के गोस्वामियों के बच्चे होते हैं। 60 साल से ऊपर के करीब 100 बुजुर्ग सेवायतों को प्रतिमाह दस हजार रुपये की पेंशन की व्यवस्था है