तमिलनाडु। कन्नूर के जंगलों में बुधवार को सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। घने जंगलों में हुए इस हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत सेना के 14 अफसर सवार थे। अब तक 4 शव बरामद किए गए हैं, जो बुरी तरह जल चुके हैं।
हादसे के करीब एक घंटे बाद यह जानकारी दी गई कि जनरल रावत को वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया है, हालांकि उनकी स्थिति क्या है, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दे दी गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह थोड़ी देर में इस पर संसद में बयान देंगे। कुछ रिपोट्र्स में दावा किया जा रहा है कि जनरल बिपिन रावत गंभीर रूप से घायल हैं। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक सेना प्रमुख के पद पर रहे। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का जिम्मा संभाला।
हेलिकॉप्टर में ये लोग सवार थे
- जनरल बिपिन रावत
- मधुलिका रावत
- ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर
- ले. क. हरजिंदर सिंह
- नायक गुरसेवक सिंह
- नायक. जितेंद्र कुमार
- लांस नायक विवेक कुमार
- लांंस नायक बी. साई तेजा
- हवलदार सतपाल
बुरी तरह जल गए हैं शव
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, हेलिकॉप्टर सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन जा रहा था। हेलिकॉप्टर दोपहर 12:20 बजे तब क्रैश हुआ, जब वह लैंडिंग स्पॉट से महज 10 किलोमीटर दूर था। मौके पर डॉक्टर्स, सेना के अफसर और कोबरा कमांडो की टीम मौजूद है। जो शव बरामद किए गए हैं, उनकी पहचान की कोशिश की जा रही है, क्योंकि ये बुरी तरह जल गए हैं। कुछ और शव पहाड़ी से नीचे नजर आ रहे हैं। हादसे के जो विजुअल सामने आए हैं, उनमें हेलिकॉप्टर पूरी तरह क्षतिग्रस्त नजर आ रहा है और उसमें आग लगी हुई है।
रावत का हेलिकॉप्टर पहले भी क्रैश हुआ था, बच गए थे
जनरल बिपिन रावत एक बार पहले भी हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो चुके हैं। 3 फरवरी 2015 को उनका चीता हेलिकॉप्टर नगालैंड के दीमापुर में क्रैश हुआ था। तब बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल थे।