Tuesday, October 22, 2024
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मानव अधिकार दिवस पर जीएलए में हुई संगोष्ठी

  • अंतर्राष्टं्रीय मानव अधिकार दिवस पर जीएलए में जुटे ह्यूमन राइट्स विशेषज्ञ

मथुरा। मानव अधिकारों की सभी बात करते हैं, लेकिन कर्तव्यों की बात कोई नहीं करता। अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन करेंगे, तभी हम एक दूसरे में अपनापन पायेंगे। खाने, पीने, रहने, घूमने, किसी एक दूसरे से बात करने का जो अधिकार है इन अधिकारों को अपना अधिकार समझने के लिए कर्तव्यों की जरूरत है कि कैसे दूसरों से बात करनी है, किसी के सामने कैसे रहना है, किसी बहन-बेटी को किस नजरिये से देखना है।
उक्त बातें जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में अंतर्राष्टंीय मानव अधिकार दिवस पर आयोजित संगोष्ठी के दौरान निर्भया की मां आशा देवी ने कहीं। संगोष्ठी में स्पेषल अतिथि बतौर उपस्थित आषा देवी ने कहा कि अपने अधिकारों की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। पढ़ाई, लिखाई और शिक्षा में तो आगे बढ़ गए, लेकिन यहां से जो हासिल हुआ उसका प्रयोग करना भूल गए या फिर कर नहीं पाये।


उन्होंने आप बीती बयां करते हुए कहा कि आठ साल बाद किसी बेटी के माता-पिता को इंसाफ मिला। वह भी जब अपने अधिकार और कर्तव्यों का निर्वहन किया। वह भी जब पूरे देष सहित अन्य देशों के लोगों का साथ रहा। विद्यार्थियों से उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर जहां से गुजर रहा है वह रास्ता ही सही नहीं है। सिस्टम को बदलने के लिए हमें बदलना होगा और अधिकारों के साथ कर्तव्यों को समझना होगा। तभी हम सब एक दूसरे में अपनापन समझेंगे।


स्पेशल अतिथि निर्भया ज्योति टंस्ट के चेयरमैन निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि इसी वर्श 2012 दिसबंर माह की दुर्दषा की फिल्म आज भी मन को कचोटती है। इसी मन को और उन बेटियों के साथ खड़ा होने के लिए जो पीड़ित हैं की सहायता के लिए निर्भया ज्योति टंस्ट की स्थापना की। यह टंस्ट हमेशा बेटियों के साथ है। उन्होंने कहा कि आज भी पीड़ित बेटियों का न्याय के लिए फोन आता है तो सिस्टम को कचोटने से नहीं चूकता।


उन्होंने विद्यार्थियों को मानव अधिकार दिवस पर संकल्प दिलाया कि वह प्रत्येक एक पीड़ित एक बेटी सहायता के लिए खडे़ होंगे। हेल्पिंग ह्यूमन राइट्स फाउंडेषन के निदेषक भास्कर कुमार अग्रवाल ने भगवान श्रीकृष्ण का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने सगे मामा को नहीं बख्शा था, क्योंकि कंस अपने अधिकारों और कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन ही नहीं कर पा रहा था। फिर श्रीकृष्ण ने असंख्य लोगों के सामने कंस को मारते हुए अधिकार और कर्तव्य क्या होते यह बताया।

टैक्स डिपार्टमेंट नोएडा के असिस्टेंट कमिश्नर श्याम सुंदर पाठक और राज्य बाल विकास संरक्षण आयोग के चेयरमैन डॉ. देवेन्द्र षर्मा ने कहा कि हम पश्चिमी संस्कृति की ओर भाग रहे हैं, लेकिन वहां लोग भारतीय संस्कृति अपना रहे हैं। अपनी संस्कृति को न भूलें। एक दूसरे का सम्मान करें। हर जगह महिलाएं हैं।


जीएलए के वाइस प्रेसीडेंट एचआर शरद गर्ग, बीएड विभागाध्यक्ष प्रो. कविता वर्मा, स्पीकर विषेशज्ञ कमला अग्रवाल, सुधा झा, इरषाद खान सिकंदर, स्मिता नायर, बलराज सिंह, पंकज जौहरी, सूर्या वर्मा, पूनम पाण्डेय आदि मानव अधिकार और कर्तव्यों पर चर्चा की। कार्यक्रम जीएलए टेंनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग के असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट षिवानी षर्मा सिंह के माध्यम से संपन्न हुआ। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के पदाधिकारीगण और शिक्षक उपस्थित रहे।

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