ब्रज क्षेत्र में पहली बार हुआ इस तरह का ऑपरेशन
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ न्यूरो सर्जन डॉ. कौशल दीप सिंह और डॉ. मोहसिन फयाज ने वृंदावन निवासी राकेश अग्रवाल (60) के ब्रेन ट्यूमर की सफल सर्जरी कर उन्हें राहत प्रदान की। स्वस्थ होने के बाद राकेश अग्रवाल ने के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सकों तथा प्रबंधन का आभार माना है। इस तरह की सर्जरी इससे पहले ब्रज क्षेत्र में नहीं हुई थी। ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन की सुविधा केवल एम्स जैसे बड़े अस्पतालों में ही उपलब्ध है। यह खुशी की बात है कि अब के.डी. हॉस्पिटल में सभी तरह के ब्रेन ट्यूमर और मस्तिष्क की परेशानियों की सर्जरी की सुविधा उपलब्ध हो गई है।
गौरतलब है कि वृंदावन निवासी राकेश अग्रवाल पुत्र स्वर्गीय दाऊदयाल अग्रवाल के बांए हाथ और पैर में कमजोरी की परेशानी थी। उपचार के लिए उन्हें गुरुग्राम और नोएडा के बड़े अस्पतालों में दिखाया गया। वहां के डॉक्टरों ने एमआरआई जांच के पश्चात दिमाग में 6×5 सेन्टीमीटर के बड़े ट्यूमर की परेशानी बताकर ऑपरेशन की सलाह दी गई। ब्रेन ट्यूमर दिमाग के ऐसे हिस्से में था जहां पर हाथों और पैरों की ताकत का केन्द्र होता है, जिसे मोटर कोर्टेक्स ट्यूमर कहा जाता है। इस ऑपरेशन के बाद एक तरफ लकवा मारने की सम्भावना अधिक होती है, इससे राकेश अग्रवाल के बांई तरफ हमेशा के लिए कमजोरी आ सकती थी।
आखिर वहां से लौटने के बाद राकेश अग्रवाल को उनके बेटे ने के.डी. हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जरी विभाग में डॉ. कौशल दीप सिंह और डॉ. मोहसिन फयाज को दिखाया। दोनों ही डॉक्टरों ने मरीज की जांच के पश्चात एमआरआई मैपिंग की सलाह दी, इसके बाद हाथ और पांव के दिमाग में सेंटर की पहचान की गई। मरीज के बेटे को सभी तरह की जानकारी देने और उनकी सहमति के बाद ऑपरेशन की तैयारी की गई। ऑपरेशन के दौरान न्यूरो मॉनीटर मशीन के जरिए रियल टाइम ब्रेन मैपिंग कर हाथ और पांव के दिमाग के सेंटर (मोटर कोर्टेक्स) को बचाया गया। इसके साथ ही न्यूरो नेवीगेशन मशीन के इस्तेमाल से बहुत ही छोटे चीरे से ट्यूमर को निकाला गया। ऑपरेशन के उपरांत मरीज के बांई तरफ कमजोरी बढ़ गई। डॉ. कौशल दीप और डॉ. मोहसिन ने मरीज के बेटे को बताया कि उनके हाथों और पैरों की ताकत दिमाग में ऑपरेशन के बाद सूजन की वजह से बढ़ गई है लेकिन मस्तिष्क का हाथों और पैरों का सेंटर पूर्ण रूप से काम कर रहा है। ऑपरेशन के आठ दिन बाद राकेश अग्रवाल को अस्पताल से छुट्टी दी गई। अभी मरीज घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहा है तथा उसके हाथों और पैरों की ताकत काफी तेजी के साथ ठीक हो रही है।
डॉ. कौशल दीप सिंह और डॉ. मोहसिन फयाज का कहना है कि इस तरह के मस्तिष्क के ट्यूमर तेजी के साथ बढ़कर दिमाग में सूजन लाते हैं जिसकी वजह से मरीज की जान अचानक जाने की सम्भावना होती है तथा एक तरफ की ताकत हमेशा के लिए चली जाती है। समय से ऑपरेशन कर मरीज की ताकत और जान बचाई जा सकती है। इस ऑपरेशन में डॉ. कौशल दीप सिंह और डॉ. मोहसिन फयाज का सहयोग निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. ए.पी. भल्ला, डॉ. सुप्रिया, डॉ. जयेश, डॉ. दिव्या के साथ ही ओटी टेक्नीशियन रोहित, चंद्रपाल, राजवीर, आईसीयू इंचार्ज लव सिंह, एच.डी.यू. इंचार्ज सिस्टर शाइबी आदि ने किया। सफल ऑपरेशन के लिए आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डीन डॉ. आर.के. अशोका ने चिकित्सकीय टीम को बधाई दी है।
चित्र कैप्शनः ऑपरेशन के बाद मरीज राकेश अग्रवाल के साथ खड़ी चिकित्सकों की टीम।
के.डी. हॉस्पिटल में ब्रेन ट्यूमर की सफल सर्जरी
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