- शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा ने जन्मजात विकृति की दूर
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने महौली, मथुरा निवासी योगेश की तीन माह की बच्ची भावना की जन्मजात विकृति का सफल ऑपरेशन कर उसे नई जिन्दगी प्रदान की है। ऑपरेशन के बाद बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है और आसानी से मल त्याग कर रही है। बच्ची के माता-पिता ने सफल सर्जरी के लिए के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सकों और प्रबंधन का आभार माना है।
जानकारी के अनुसार महौली मथुरा निवासी योगेश के घर तीन माह पहले बच्ची का जन्म हुआ था। जन्म से ही बच्ची का मलद्वार न होने के चलते प्रायः वह कब्ज की वजह से रोती रहती थी। बच्ची मल त्याग तो कर रही थी लेकिन मलद्वार नहीं होने से उसका मलोत्सर्जन योनि मार्ग से हो रहा था। बच्ची ठीक से दूध भी नहीं पी रही थी तथा उसका वजन भी सामान्य से बहुत कम था।
बच्ची के इस कष्ट से माता-पिता काफी परेशान थे। बच्ची की परेशानी को देखते हुए एक दिन योगेश सपत्नीक उसे लेकर के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा से मिले। डॉ. शर्मा द्वारा बच्ची की प्रारम्भिक जांचों द्वारा उसकी जन्मजात विकृति का पता लगा लिया गया। जांच से पता चला कि उसके मलद्वार नहीं है। आखिरकार डॉ. शर्मा ने परिजनों को बच्ची का ऑपरेशन कराने की सलाह दी।
परिजनों की सहमति के बाद तीन दिसम्बर, 2021 को डॉ. श्याम बिहारी शर्मा द्वारा निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. नवीन सिंह, इंटर्न कृतिका दुबे, टेक्नीशियन योगेश कुमार के सहयोग से बच्ची का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। डॉ. शर्मा का कहना है ऐसे ऑपरेशन यदा-कदा ही होते हैं तथा इसमें बड़ी आंत की ट्यूब बनाकर मलद्वार बनाया जाता है। डॉ. शर्मा ने बताया कि ऐसी विकृति हजारों शिशुओं में से एक में ही होती है। मेडिकल भाषा में इसे रेक्टो वेस्टिब्युलर फिस्टुला कहते हैं और ऑपरेशन का नाम प्राइमरी एंटीरियर सैजाइटल एनोरेक्टोप्लास्टी है।
बच्ची भावना के सफल ऑपरेशन पर आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन डॉ. रामकुमार अशोका ने विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक डॉ. श्याम बिहारी शर्मा तथा उनकी टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए बधाई दी।