Saturday, September 28, 2024
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आगरा- किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के एक दोषी को दस महीने में सजा

आगरा के थाना सिकंदरा क्षेत्र के एक गांव में 19 मार्च 2021 को 13 साल की किशोरी की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या और साक्ष्य नष्ट करने के केस में दस महीने बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। स्पेशल जज (पाक्सो एक्ट) प्रमेंद्र कुमार ने गुरुवार को एक दोषी राहुल गोला को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 65 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। दूसरा आरोपी नाबालिग है। इस पर उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड के सुपुर्द किया गया है।
मामले के अनुसार, घटना वाले दिन दोपहर दो बजे किशोरी घर के पास ही शौच के लिए गई थी। इसके बाद वापस नहीं आई। परिजनों ने उसकी तलाश की। दो घंटे बाद उसका शव घर के पास ही जंगल में तालाब के पास पड़ा मिला। मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए थे। उन्होंने आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की थी। गांव में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स लगाई गई थी। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 40 से अधिक युवकों को चिह्नित किया था। इसके बाद पूछताछ की गई थी।

पुलिस ने 48 घंटे बाद घटना का खुलासा किया था। दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक गांव की ही राहुल और एक किशोर शामिल थे। बाद में सामूहिक दुष्कर्म की धारा लगाई गई। विशेष लोक अभियोजक विमलेश आनंद ने बताया कि वादी सहित दस गवाह और सुबूत पेश किए। नाबालिग आरोपी का मामला किशोर न्याय बोर्ड के सुपुर्द किया गया था।

यह सुनाई सजा
कोर्ट ने अभियुक्त राहुल को दोषी पाते हुए सामूहिक दुष्कर्म में आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये, हत्या में आजीवन कारावास व 30 हजार रुपये और साक्ष्य नष्ट करने में तीन साल के कारावास व15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने अर्थदंड राशि में से आधी रकम मृतका के परिजनों को भी दिलाने के आदेश किए।

यह था घटनाक्रम

  • 19 मार्च 2021 को किशोरी घर से दोपहर दो बजे निकली।
  • शाम चार बजे उसका शव घर से 200 मीटर की दूरी पर जंगल में मिला। उसके गले में दुपट्टा कसा हुआ था।
  • किशोरी के घर से सौ मीटर की दूरी पर जंगल था। 200 मीटर की दूरी पर तालाब था।
  • किशोरी की हत्या के शव को घसीटकर तालाब में फेंका गया था।
  • पुलिस ने आरोपियों के पास से किशोरी के कपडे़, बोतल और चप्पल बरामद की थीं। वहीं आरोपियों की कीचड़ में सनी चप्पल भी मिली थीं।
  • राहुल किशोरी के पिता की सब्जी की ठेल पर काम करता था। घटना से एक साल पहले वह उनके घर में झांक रहा था। किशोरी के चाचा ने देख लिया था। उसकी पिटाई की थी। तब से परिवार से दुश्मनी मान रहा था।

हैवानियत की हद की थी पार
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि वह किशोरी का इंतजार उसके घर के पास पानी की टंकी के पास खड़े होकर कर रहे थे। जब वो घर से बाहर निकली तो पीछे चल दिए। राहुल ने पहले पकड़ा। किशोरी ने राहुल के थप्पड़ मार दिया। वह चीखने भी लगी। राहुल ने उसके मुंह में दुपट्टा भर दिया, जिससे उसकी आवाज दब गई।

नाबालिग ने किशोरी के हाथ और पैर पकड़ लिए थे। दोनों ने दुष्कर्म किया। मुंह और नाक दबाकर किशोरी की हत्या कर दी थी। तालाब में शव फेंकने के बाद दोनों जंगल के अंदर मऊ गांव में चले गए। बाद में घर आकर कपड़े बदल लिए थे। अंतिम संस्कार में भी दोनों शामिल हुए थे।

डीएनए जांच रिपोर्ट रही अहम
केस के विवेचक निरीक्षक कमलेश सिंह ने बताया कि साक्ष्य के रूप में खून से सनी मिट्टी, आरोपियों के खून और कीचड़ से सने कपड़े, चप्पल, एवं मृतका के कपड़ों की जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा था, केस में डीएनए जांच अहम रही। डीएनए के नमूने फोरेंसिक लैब गाजियाबाद भेजे गए थे। यह केस में अहम रहे।

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