नई दिल्ली। विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने के बाद कांग्रेस पार्टी अब तक के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। वर्तमान में कांग्रेस पार्टी महज देश के 2 राज्यों में शासन कर रही है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार है। बाकी देश के किसी भी अन्य राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार नहीं है। कुछ दिन पहले ही कपिल सिब्बल ने कहा था कि अब गांधी परिवार को पीछे हटना चाहिए।
1998 जब सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनीं, उस वक्त कांग्रेस सिर्फ 3 राज्य मध्य प्रदेश, उड़ीसा और मिजोरम में शासन कर रही थी। लेकिन उसके बाद पार्टी ने राज्य दर राज्य जीता और 2004 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को जीत हासिल हुई। 2014 में कांग्रेस पार्टी 9 राज्यों में शासन कर रही थी। जबकि वर्तमान में कांग्रेस की स्थिति 24 साल पहले जैसी है।
7 साल पहले जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं, उसके बाद कांग्रेस सिर्फ पांच राज्यों में ही सरकार बनाने में सफल रही है। कांग्रेस ने 2016 में केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी जबकि 2017 में पंजाब में सरकार बनाने में सफल रही थी। वहीं 2018 में मध्यप्रदेश ,राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। पिछले 7 सालों में कांग्रेस को 40 बार हार का सामना करना पड़ा है। वहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार गिर चुकी है।
विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एंटी-राहुल गांधी कैंप पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की मांग कर रहा है और सामूहिक नेतृत्व को आगे लाने की बात की जा रही है। हालांकि अभी तक ळ-23 के नेताओं के अलावा किसी ने खुलकर यह बात नहीं उठाई है। वहीं पार्टी का एक बड़ा धड़ा राहुल गांधी को अध्यक्ष के रुप में देखना चाहता है। अगर स्थिति जल्द नहीं संभाली गई तो कांग्रेस पार्टी में आने वाले दिनों में बड़ी टूट भी देखी जा सकती है।
पार्टी के लिए आखिरी उम्मीद के तौर पर उभरी प्रियंका गांधी वाड्रा भी उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजों के बाद निराश हैं। कई लोगों के लिए वह ट्रंप कार्ड थीं। कांग्रेस पार्टी को तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने “दिल्ली मॉडल” की तर्ज पर प्रचार किया और पंजाब की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया।