मथुरा। शिक्षा विभाग लगातार एक के बाद एक करोडों रूपए के घोटाले, फजी शिक्षकों की नियुक्ति और भ्रष्टाचार से जुडे मामलों के सामने आने के कारण सुर्खियों में बना रहता है। हाल ही में वित्त एवं लेखा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा मदनमोहन द्वारा उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के जिलाध्यक्ष डॉ मनवीर सिंह से प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने के एवज में 5000 रिश्वत की डिमांड करने का मामला सामने आया है। जब यह मामला विभाग से निकलकर लोगों के सामने आया तो शिक्षा विभाग में एक बार फिर हडकंप मच गया है।
प्रकरण इस प्रकार है कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज में विभिन्न मंडलों के प्रधानाचार्य के पद हेतु साक्षात्कार चल रहे हैं इस प्रक्रिया में प्रत्येक प्रधानाचार्य को अनुभव प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है इसी संदर्भ में मथुरा जनपद के ललित बघेल प्रवक्ता बाजना इंटर कॉलेज बाजना, अरविन्द कुमार शर्मा प्रधानाचार्य बाजना इंटर कॉलेज बाजना एवं चंद्रभान यादव जी प्रधानाचार्य किसान इंटर कॉलेज सौंख खेड़ा मथुरा एवं जिला महामंत्री उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद मथुरा के अनुभव प्रमाण पत्र हेतु डॉ मनवीर सिंह द्वारा दूरभाष पर श्री मदन मोहन लेखा एवं वित्त अधिकारी के मोबाइल नंबर 96902 23644 पर संपर्क किया गया तो लेखा अधिकारी महोदय द्वारा पत्रजात लेकर जिला एवं प्रशिक्षण संस्थान मथुरा (डाइट मथुरा) पर आने को कहा गया। लगभग 45 मिनट बाद वित्त एवं लेखाधिकारी के मोबाइल नंबर 82 180 63288 से मनवीर सिंह को कॉल किया गया जिसमें खाली हाथ ना आने को कहा गया इंक्वायरी किए जाने पर उन्होंने कैंडिडेट की संख्या पूछी तथा कहा कि पांच लेकर आए यह पूछे जाने पर पांच का क्या अर्थ है तो उन्होंने कहा 5000 रुपए लेकर आएं।
इसका विरोध किए जाने पर भी उन्होंने कोई परवाह नहीं की बल्कि रिश्वत मांगने पर अडिग रहे। विदित हो कि कई कैंडिडेटस को साक्षात्कार हेतु कल ट्रेन पकड़नी है परंतु लेखा अधिकारी महोदय द्वारा अनुभव प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए गए।ना ही पूरे दिन अपने कार्यालय में बैठे। एक भ्रष्ट अधिकारी की तानाशाही से शिक्षकों का कैरियर दांव पर लग गया है।
इस संबंध में डॉ मनवीर सिंह द्वारा विभागीय कार्यवाही हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में शिकायत पत्र दे दिया गया है। इस घटना से संपूर्ण शिक्षक जगत एवं प्रधानाचार्य परिषद में आक्रोश व्याप्त है यदि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी के विरुद्ध यदि तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो प्रधानाचार्य परिषद एवं माध्यमिक शिक्षक संघ आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।