Tuesday, October 22, 2024
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यूपी बोर्ड परीक्षा 2022ः नकल मिलने पर खत्म होगी विद्यालय की मान्यता


बबले भारद्वाज
आगरा।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा 24 मार्च से शुरू हो रही है। आगरा जिले के 180 केंद्रों पर बोर्ड परीक्षा कराई जाएगी। परीक्षा को लेकर जिलाधिकारी ने केंद्र व्यवस्थापकों को सख्त निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने कहा कि केंद्र व्यवस्थापक अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए परीक्षा नकल विहीन कराएं। किसी परीक्षा केंद्र पर नकल पकड़े जाने पर संबंधित विद्यालय की मान्यता समाप्त की जाएगी। केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि परीक्षा के दौरान ऐसा माहौल बनाना होगा कि परीक्षार्थी जितने अंक पाने का हकदार हो, उसे उतने ही अंक मिलने चाहिए। सामूहिक नकल कतई न होने दें। 99 फीसदी विद्यालय परीक्षा में अच्छा करते हैं। महज एक फीसदी विद्यालय छवि खराब करते हैं। इन पर कड़ी नजर रहेगी।

मंगलवार को हुई बैठक में केंद्र व्यवस्थापकों ने बताया कि कुछ परीक्षार्थियों के प्रवेशपत्र पर फोटो साफ नहीं हैं, लिंग बदला होने की समस्या भी आई है। जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने कहा कि जिन परीक्षार्थियों के प्रवेशपत्र पर फोटो साफ न हो, कोई अन्य त्रुटि हो, उसे प्रधानाचार्य से सत्यापित कराकर परीक्षा में शामिल कराया जाए।
एक नजर आंकड़ों पर

  • 180 केंद्रों पर होगी बोर्ड परीक्षा। 35 अतिसंवेदनशील व 11 संवेदनशील परीक्षा केंद्र हैं।
  • 180 स्टेटिक, 19 सेक्टर, 06 जोनल और 06 सुपर जोनल मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं। 04 उड़नदस्ते शिक्षा विभाग के हैं।
  • 1,17,623 कुल परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा में पंजीकृत हैं।
  • 65,369 परीक्षार्थी हाईस्कूल में, 52,254 इंटरमीडिएट में पंजीकृत हैं।

इन विषयों की परीक्षा में स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए जाएंगे
जिलाधिकारी ने कहा कि गणित और विज्ञान विषय की परीक्षा के दौरान केंद्रों पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए जाएंगे। यह केंद्रों पर पूरे समय बैठकर परीक्षा संपन्न कराएंगे। इन विषयों में नकल के प्रयास अधिक होते हैं।

कक्ष निरीक्षकों को नहीं मिली ड्यूटी
बैठक में परीक्षा केंद्रों के केंद्र व्यवस्थापकों ने शिकायत दर्ज कराई कि कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी उन्हें प्राप्त नहीं हुई है। इसे पता नहीं है कि कहां से कितने कक्ष निरीक्षक केंद्र पर ड्यूटी देंगे। आईकार्ड जारी करने के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं थी। जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि सुबह 80 फीसदी कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी साफ्टवेयर से मिली थी, उसे बैठक में ही केंद्र व्यवस्थापकों को उपलब्ध करा दिया गया था। तकनीकी कारणों से पोर्टल काम नहीं कर रहा था, इससे 20 फीसदी शिक्षकों की ड्यूटी दोपहर बाद अपलोड की गई। इसे उपलब्ध कराया जाएगा। परिषदीय बेसिक स्कूलों के 3632 शिक्षकों और माध्यमिक विद्यालयों के 1268 शिक्षकों की ड्यूटी कक्ष निरीक्षक के रूप में लगाई गई है। कुल 4900 कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। विद्यालय स्तर से ही कक्ष निरीक्षकों के आईकार्ड जारी होने हैं।

अंग्रेजी माध्यम के प्रश्नपत्र नहीं आए
जिन स्कूलों में हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाई कराई जा रही है, उनमें अंग्रेजी माध्यम के प्रश्नपत्र अलग से उपलब्ध नहीं कराए गए। क्वीन विक्टोरिया गर्ल्स इंटर कॉलेज व एमडी जैन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मोती कटरा की प्रधानाचार्यों की ओर से इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक को संबोधित पत्र बैठक में दिया गया। जिला विद्यालय निरीक्षक का कहना है कि प्रश्नपत्र द्विभाषीय (हिंदी व अंग्रेजी) होते हैं। अंग्रेजी माध्यम के लिए अलग से प्रश्नपत्र नहीं आएगा।

कुछ विषयों के प्रश्नपत्र कम आए
केंद्र व्यवस्थापकों ने बताया कि उनके यहां कुछ विषयों के प्रश्नपत्र कम आए हैं या फिर बिल्कुल नहीं आए हैं। सभी से निर्धारित मांगपत्र भरवाया गया। जिला विद्यालय निरीक्षक का कहना है कि मांगपत्र बोर्ड को भेज दिया गया है। प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले उपलब्ध हो जाएंगे।

हेल्पर को अनुमति दे सकते हैं केंद्र व्यवस्थापक
दिव्यांगता व अन्य कारणों से जिन परीक्षार्थियों को हेल्पर (राइटर) की आवश्यक होगी, उसको केंद्र व्यवस्थापक स्तर से परीक्षण के बाद अनुमति दी जा सकती है।

प्रश्नपत्र बदले, नाम पुराना
इंटरमीडिएट में व्यावसायिक संगठन एवं पत्र-व्यवहार का नाम बदलकर व्यावसायिक अध्ययन और बहीखाता एवं लेखाशास्त्र का नाम बदलकर लेखाशास्त्र हो गया है। प्रवेशपत्र में प्रश्नपत्रों के नाम बदले नहीं गए हैं।

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