- किसी को गीत-संगीत तो किसी को वहां के लजीज व्यंजन भाए
मथुरा। शिक्षा के साथ ही छात्र-छात्राओं का शैक्षिक भ्रमण जहां उनके तन-मन को तरोताजा कर देता है वहीं इससे उनके अभिज्ञान में भी इजाफा होता है। हाल ही राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के छात्र-छात्राओं ने आगरा में हुए ताज महोत्सव की नयनाभिराम प्रस्तुतियों का अवलोकन किया और मथुरा लौटने पर अपने सहपाठियों को वहां के संस्मरण सुनाए।
हरजीत सिंह यादव की अगुआई में राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं ने ताज महोत्सव में हुए शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अवलोकन कर अपना ज्ञानवर्धन किया। इस बार के ताज महोत्सव का थीम आजादी के अमृत महोत्सव के संग, ताज महोत्सव के रंग था। कुछ विद्यार्थियों ने जहां गीत, संगीत एवं नृत्य आदि की मनमोहक प्रस्तुतियों को सराहा तो कुछ ने कलाकार भुवन वादायकर द्वारा काचा बादाम गाने पर खास अंदाज में दी गई प्रस्तुति को विशेष बताया। ताज महोत्सव में प्रसिद्ध तबला वादक अभिवन्दन के तबले की थाप शास्त्रीय गायन वादन में जहां चार चांद लगा रही थी वहीं ए. हरिहरन के सुरों का जादू शिल्पग्राम के दर्शकों के सिर चढ़कर बोल रहा था।
ताज महोत्सव में पापोन के गीतों तथा लता मंगेशकर और प्रसिद्ध कत्थक कलाकार बिरजू महाराज की स्मृति में आयोजित शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रमों की विद्यार्थियों ने जमकर सराहना की। विद्यार्थियों ने बताया कि ताज महोत्सव के मुक्ताकाशीय रंगमंच पर भोजपुरी गायन कार्यक्रम में लोक गायक कलाकार पारम्परिक वेशभूषा में कुछ अलग ही दिख रहे थे तो आगरा किले में मुगलिया महफिल सजी थी। आगरा किले की दीवारें जहां रोशनी से जग-मग कर रही थीं वहीं खाने-पीने के स्टॉलों की कहना ही क्या। वहां हरियाणा की भारी भरकम जलेबी और फायर पान सभी की पसंद बना। इस शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने महोत्सव के शिल्पग्राम में जूट से बने आकर्षक सजावटी सामानों का न केवल अवलोकन किया बल्कि खरीददारी भी की।
आर.के. एज्यूकेशल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने ताज महोत्सव से लघु भारत की झांकी देखकर लौटे छात्र-छात्राओं की प्रशंसा की और कहा कि ऐसे आयोजनों में समाज के सभी वर्गों के लिए कुछ न कुछ खास होता है। निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने इस शैक्षिक भ्रमण को उपयोगी बताया और कहा कि ऐसे आयोजनों में मैनेजमेंट के विद्यार्थियों के लिए बहुत कुछ जानने और सीखने को होता है।