Saturday, March 15, 2025
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बुजुर्ग कर्मचारियों को साथ रखने को तैयार नहीं यूपी के मंत्री, खाली बैठा 100 से ज्यादा स्‍टाफ

लखनऊ। मंत्रियों के स्टाफ में पहली बार तैनाती पाने वाले 100 से ज्यादा कर्मचारी वापस सचिवालय प्रशासन विभाग को भेज दिए गए हैं। इन कर्मचारियों ने अपनी वापसी के बारे में विभाग को सूचित भी कर दिया है, लेकिन अबतक यह फैसला विभाग नहीं ले पाया है कि आखिर इन्हें अब कहां भेजा जाए। नतीजा यह है कि ये कर्मचारी फिलहाल कहीं भी सेवाएं नहीं दे रहे हैं। वे नियमित तौर पर सचिवालय पहुंचते हैं और फिर हाजिरी लगाने के बाद इधर-उधर घूमते हुए समय बिताते हैं।

दरअसल, इस बार यह तय किया गया था कि मंत्रियों के यहां पिछली बार तैनात रहे स्टाफ को कूलिंग पीरियड में रखा जाएगा और उनकी जगह नया स्टाफ तैनात किया जाएगा। नए स्टाफ के सिलेक्शन के लिए विभाग ने एक सॉफ्टवेयर के जरिए रैंडम सिलेक्शन किया। पहली मर्तबा तो महिला कर्मचारी ऑटो सिलेक्ट हो गईं। बाद में उन्हें हटाया गया। इसके बाद दोबारा सिलेक्शन हुआ तो कई ऐसे कर्मचारी सिलेक्ट हो गए जो या तो उम्रदराज थे या मंत्रियों के स्टाफ में कभी काम नहीं किया था।

ऐसे ही एक कर्मचारी का जब सिलेक्शन हुआ तो वह मंत्री के स्टाफ में जॉइनिंग देने पहुंचे। वहां मंत्री ने उनसे पूछा कि उन्हें मंत्रियों के स्टाफ में काम करने का अनुभव है? न कहने पर मंत्री ने उन्हें साथ रखने से मना कर दिया। कर्मचारी ने जब लिखित में मांगा तो मंत्री ने लिखकर नहीं दिया। इसके बाद कर्मचारी वापस आया और सचिवालय प्रशासन विभाग को लिखित में दे दिया कि उन्हें मंत्री अपने स्टाफ में नहीं रखना चाहते हैं, आगे उसकी तैनाती के संबंध में निर्णय लिया जाए। ऐसा ही वाक्या 100 से ज्यादा लोगों के साथ हुआ।

मंत्रियों के साथ यात्रा में मुफीद नहीं रहते उम्रदराज कर्मी
सामान्यतरू मंत्री उम्रदराज स्टाफ से परहेज रखते हैं, क्योंकि वे मंत्रियों के साथ यात्रा में मुफीद नहीं रहते। हालांकि, सचिवालय प्रशासन ने इस तरह के लोगों को सिलेक्शन के पूल से बाहर नहीं किया और अब ऊहापोह की स्थित बन गई है। इससे सचिवालय का काम भी प्रभावित हो रहा है। सचिवालय में वैसे ही समीक्षा अधिकारी और अनुभाग अधिकारी के पदों पर रिक्तियां काफी हैं।

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