- अब बिना वॉकर चल सकेगी पलवल की रमन देवी
मथुरा। विशेषज्ञ चिकित्सकों और आधुनिकतम चिकित्सा सुविधाओं की बदौलत के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर अब ब्रज ही नहीं दूसरे राज्यों के मरीजों के लिए भी वरदान साबित हो रहा है। हाल ही हताश-निराश वॉकर के सहारे के.डी. हॉस्पिटल आई सौंध, पलवल (हरियाणा) निवासी रमन देवी (35) को उम्मीद ही नहीं थी कि उसका धनुष आकार पैर भी सीधा हो सकेगा लेकिन यहां के हड्डी रोग विशेषज्ञों डॉ. विक्रम शर्मा और डॉ. विवेक चांडक ने उसका घुटना प्रत्यारोपित कर बिना वॉकर उसे घर भेजने में सफलता हासिल की है।
गौरतलब है कि कोई दो साल पहले गांव सौंध जिला पलवल निवासी रमन देवी के जांघ की हड्डी टूट गई थी, जिसका आपरेशन पलवल में ही हुआ था। आपरेशन के बाद रमन देवी गठिया बीमारी का शिकार हो गई। चलने-फिरने में दिक्कत तथा दाहिना पैर बिल्कुल टेढ़ा हो जाने से उसे वॉकर का सहारा लेना पड़ा। रमन की जिन्दगी वॉकर के सहारे हो जाने से प्रायः वह निराश रहने लगी। आखिरकार एक दिन उसे किसी से पता चला कि के.डी. हॉस्पिटल मथुरा में अच्छे हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं, जो उसे ठीक कर सकते हैं। फिर क्या एक दिन वह अपने परिजनों के साथ आकर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक चांडक से मिली।
डॉ. चांडक ने कुछ जांचें कराने के बाद उसे घुटना प्रत्यारोपण यानी नी रिप्लेसमेंट सर्जरी (रिवीजन) की सलाह दी। उसकी सहमति के बाद डॉ. विक्रम शर्मा, डॉ. विवेक चांडक, डॉ. आशीष उपाध्याय, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. दीपक तथा ओटी टेक्नीशियन पवन की टीम ने सर्जरी के माध्यम से उसके घुटने का प्रत्यारोपण करने में सफलता हासिल की। रमन देवी को कुछ दिन हॉस्पिटल में रखने के बाद जब वह बिना वॉकर चलने लगी तब छुट्टी दे दी गई। रमन और उसके परिजनों ने सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों का आभार मानते हुए कहा कि के.डी. हॉस्पिटल के बारे में जो सुना था वह वाकई सही है। यहां मरीज को लगता ही नहीं कि वह हॉस्पिटल में है। इस सर्जरी के बारे में डॉ. विवेक चांडक का कहना है कि इसे घुटना प्रत्यारोपण यानी नी रिप्लेसमेंट सर्जरी (रिवीजन) कहते हैं। रमन देवी का केस काफी मुश्किल था क्योंकि उसका पैर बिल्कुल 90 डिग्री मुड़ चुका था।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन डॉ. आर.के. अशोका तथा चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने चिकित्सकों की टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मैं चाहता हूं कि यहां आने वाला हर मरीज स्वस्थ होकर ही अपने घर जाए।