जीएल बजाज में हुई अंग्रेजी भाषा की झिझक दूर करने पर कार्यशाला
मथुरा। आज के समय में कम्युनिकेशन स्किल आपके विचारों को दूसरों के समक्ष पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विद्यार्थी चाहे ग्रामीण परिवेश का हो या शहरी परिवेश का उसे अंग्रेजी बोलने में असहजता जरूर महसूस होती है। छात्र-छात्राओं की इसी असहजता को दूर करने के लिए गुरुवार को जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में “हम अंग्रेजी में बोलने में क्यों झिझकते हैं” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसके मुख्य वक्ता भारतीय-अमेरिकी लेखक और वर्डस्मिथ के संस्थापक अनु गर्ग थे। कार्यशाला का शुभारम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया।
समन्वयक शिव कुमार ने कार्यशाला की महत्ता और अतिथि वक्ता अनु गर्ग के विषय में जानकारी दी। कार्यक्रम की मध्यस्थ और संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने अनु गर्ग का स्वागत करते हुए कहा कि अंग्रेजी वैश्विक भाषा है, इसका ज्ञान होना और बोलचाल में प्रयोग के तरीके आना हर छात्र के लिए जरूरी है। प्रो. नीता अवस्थी के स्वागत और विषय की जानकारी देने के बाद मुख्य वक्ता अनु गर्ग ने बताया कि कैसे हम अंग्रेजी बोलने के दौरान जो असहजता होती है उसे दूर कर सकते हैं। उन्होंने बहुत सारे उपाय बताये जिनमें मुख्य थे- नियमित रूप से अंग्रेजी बोलने का अभ्यास करना, शब्दकोष को बढ़ाने के लिए प्रतिदिन कुछ शब्दों का अर्थ लिखना तथा उन्हें दैनंदिन प्रयोग में लाना।
श्री गर्ग के उद्बोधन के बाद छात्र-छात्राओं ने उनसे अंग्रेजी भाषा पर अपने कई सवाल पूछे जिनके जवाब उन्होंने बड़ी सहजता से दिए तथा उनका मनोबल बढ़ाया। एक छात्र ने पूछा कि हम अपने शब्दकोष को कैसे मजबूत कर सकते हैं। इस पर श्री गर्ग ने कहा कि हम एक दिन या महीने में शब्द भंडार को नहीं बढ़ा सकते, इसके लिए हमें निरंतर प्रयासरत रहना होगा। हर दिन कुछ नये शब्दों का अर्थ लिखिये और उन्हें अपने रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग में लाइए। एक छात्र ने उनसे पूछा कि हम अंग्रेजी में वार्तालाप की अपनी झिझक को कैसे दूर कर सकते हैं। इस प्रश्न पर श्री गर्ग ने कहा कि हम अभ्यास के माध्यम से अपने अंग्रेजी बोलने के कौशल को निखार सकते हैं इससे हमारा मनोबल बढ़ेगा और झिझक भी दूर होगी।
श्री गर्ग से एक छात्र ने पूछा कि हम अंग्रेजी बोलने के लिए माहौल कैसे तैयार करें? इस प्रश्न के जवाब में मुख्य वक्ता ने बताया कि सबसे पहले इच्छुक व्यक्तियों का एक समूह बनाएं तथा एक-दूसरे के समक्ष अंग्रेजी बोलें और एक-दूसरे की त्रुटि दूर करने का भी प्रयास करें। कार्यशाला का समापन प्राध्यापक गौरव कुमार के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
चित्र कैप्शनः आनलाइन कार्यशाला में अंग्रेजी भाषा की क्लिष्टता को दूर करने के उपाय बताते हुए भारतीय-अमेरिकी लेखक और वर्डस्मिथ के संस्थापक अनु गर्ग।