Wednesday, October 23, 2024
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राजीव एकेडमी में प्रिपरेशन एण्ड एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ साइकोलॉजी पर हुई कार्यशाला


साइको टेस्ट से जान सकते हैं बच्चे की बुद्धि और ज्ञान क्षमताः डॉ. पचौरी


मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के शिक्षा संकाय द्वारा प्रिपरेशन एण्ड एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ साइकोलॉजी टेस्ट विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें अतिथि वक्ता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षा संकाय के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. अशोक कुमार पचौरी ने कहा कि साइकोलॉजी विषय नया नहीं है बल्कि प्राचीनकाल में भी बड़े से बड़े दार्शनिक और विद्वान इसकी सहायता से बच्चों के मन-मस्तिष्क का अध्ययन कर उनका मूल्यांकन किया करते थे।


डॉ. पचौरी ने कहा कि भारतीय धर्म-दर्शन के ग्रन्थों को पढ़कर ही पश्चिमी देश के विद्वान डेकार्टे ने नई थ्योरी विकसित की थी जोकि आज भी प्रचलित है। अपने विचार साझा करते हुए डॉ. पचौरी ने कहा कि बच्चों का वंशानुक्रम विवरण महत्वपूर्ण होता है। वंशानुक्रम के कई महत्वपूर्ण तथ्यों की सटीक जानकारी बिना पढ़ी-लिखी अशिक्षित ग्रामीण महिलाओं को भी होती है। बड़े से बड़े शिक्षाविद भी उनकी इस समझबूझ के कायल होते हैं।


अंत में डॉ. पचौरी ने छात्र-छात्राओं को बीएड पाठ्यक्रम में शामिल साइकोटेस्टों का महत्व बताते हुए कहा कि इन टेस्टों से हर छात्र-छात्रा की विभिन्न क्षमताओं की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। बीएड के पाठ्यक्रम का ये महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। बीएड के विद्यार्थी साइको टेस्ट की सहायता से कक्षा कक्ष में पढ़ने वाले प्रत्येक विद्यार्थी की बुद्धि, उसकी मानसिक स्थिति तथा ज्ञान क्षमता को माप सकते हैं। स्वस्थ और सुशिक्षित समाज के निर्माण में भी साइको टेस्ट का बहुत महत्व है।


इस कार्यशाला में राजीव एकेडमी के दोनों कॉलेजों के बीएड के विद्यार्थी उपस्थित थे। छात्र-छात्राओं ने अतिथि वक्ता डॉ. अशोक कुमार पचौरी से ब्लूप्रिण्ट निर्माण के बारे में कई प्रश्न पूछे जिनके उन्होंने बहुत ही सहज और सरल तरीके से जवाब दिए। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने अपना बहुमूल्य समय देने के लिए अतिथि वक्ता का आभार माना।


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